Gonda News: निर्माण में बंदरबांट करने वालों की शुरू हुई तलाश, बीईओ करेंगे जांच
[ad_1]
{“_id”:”6515b41db79334216d0eb6d7″,”slug”:”search-begins-for-those-involved-in-embezzlement-in-construction-beo-will-investigate-gonda-news-c-100-1-gon1003-5071-2023-09-28″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Gonda News: निर्माण में बंदरबांट करने वालों की शुरू हुई तलाश, बीईओ करेंगे जांच”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Thu, 28 Sep 2023 10:43 PM IST
गोंडा। 15 साल से कम समय में निष्प्रयोज्य घोषित करने के बाद प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के भवन निर्माण मानकों पर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में विद्यालयों के निर्माण वर्ष में तैनात प्रधानाध्यापकों की तलाश तेज हो गई है। इनकी तैनाती अवधि के साथ ही वर्तमान स्थिति की जानकारी जुटाई जा रही है। बीएसए ने बीईओ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।
तकनीकी सर्वे में 2021 में 255 विद्यालय जर्जर घोषित किए गए। इस दौरान इंजीनियरों ने कहा था कि विद्यालय इमारत बच्चों के बैठकर पढ़ने लायक नहीं हैं। बावजूद इसके दो बार ध्वस्तीकरण का काम शुरू नहीं हो पाया। इस बार बेसिक शिक्षा विभाग कुल 406 विद्यालयों को निष्प्रयोज्य घोषित कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में जुटा है। इसके साथ ही अन्य जर्जर विद्यालयों की जानकारी जुटाई जा रही है।
तकनीकी सर्वे के बाद कुछ और विद्यालयों की इमारत जर्जर मिलने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होगी। ऐसे में 50 से अधिक विद्यालय ऐसे हैं, जो कि वर्ष 2008 के बाद बनाए गए हैं। डीएम ने इन विद्यालयों की हालात को देखते हुए तकनीकी सर्वे के बाद ध्वस्तीकरण के आदेश दिए हैं। 29 से चार अक्तूबर के बीच निष्प्रयोज्य बिल्डिंग की ध्वस्तीकरण के लिए जरूरी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
विभागीय जानकारों का कहना है कि कुछ वर्ष पहले तक प्रधानाध्यापक व प्रधानों के माध्यम से इमारतें बनवाई जाती थीं। इस दौरान निर्माण में जमकर बंदरबांट किया गया है। ऐसे में इतने कम समय में बिल्डिंग ध्वस्त की जाएगी। नियमानुसार 15 साल से पहले बिल्डिंग जर्जर होने का मतलब घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।
परसपुर ब्लॉक के लोहंगपुर डीहा रामहेतपुरवा प्राथमिक विद्यालय के निष्प्रोज्य होने से बच्चे विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं। लोहंगपुरडीहा निवासी हवलदार ने बताया कि डीएम से अनुरोध के बाद बच्चों को कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं दी गई है। ऐसे में दूरी के चलते छोटे बच्चे विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं। यहां 39 बच्चे पंजीकृत थेे।
जुटाई जा रही भवन निर्माण से जुड़े लोगों की जानकारी
बीईओ को मामले की जांच सौंपी गई है। 15 साल से कम समय में बिल्डिंग जर्जर होने के मामले में कार्रवाई की जानी है। निर्माण वर्ष में विद्यालय के प्रधानाचार्य समेत बिल्डिंग निर्माण से जुड़े लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।
-प्रेमचंद यादव, बीएसए
[ad_2]
Source link