AI: मेटा, गूगल और ड्रॉपबॉक्स में छंटनी के लिए एआई जिम्मेदार, क्या वाकई कृत्रिम बुद्धिमत्ता ले रही नौकरियां?
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कोरोना संकट के साथ शुरू हुआ आर्थिक मंदी का दौर अब भी जारी है। कई प्रमुख कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है। जहां कुछ कंपनियों ने छंटनी के लिए दक्षता पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया को जिम्मेदार ठहराया है, तो कंपनियां अधिक क्षमता वाले व्यावसायिक क्षेत्रों में खुद को आजमाने की कोशिश पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। मेटा, गूगल और ड्रॉपबॉक्स समेत कई कंपनियों ने कर्मचारियों को भेजे गए अपने छंटनी संदेश में कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने का हवाला दिया है।
एआई की आड़ में कंपनियां परंपरागत ढांचा खत्म करने का जोखिम ले रहीं
हालांकि विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कंपनियां एआई के इस्तेमाल की आड़ में अपने परंपरागत ढांचे को खत्म करने का जोखिम ले रही है। ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट के एक वरिष्ठ फेलो मार्क मुरो का मानना है कि महामारी के पहले वर्ष में कई कंपनियों ने ओवर-हायरिंग की और एआई विस्फोट के बाद कंपनियों में कुप्रबंधन की स्थिति बनी।
उनके अनुसार एआई के बढ़ते चलन का मतलब हो सकता है कि कंपनियां एआई उत्पादों पर काम करने वाले लोगों पर थोक में बहाल करें क्योंकि इसके संचालन में मशीन लर्निंग की जानकारी रखने वाले इंजीनियरों और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है। हालांकि सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि कुछ नौकरियां पूरी तरह से समाप्त हो गई हैं। कुछएआई उपकरण कई ऐसे पेशेवर कार्यों में कुशल हो गए हैं जो कभी केवल मनुष्यों के वश की बात थी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में हर व्यक्ति को खुद को इनोवेट करने की जरूरत
मुरो का सुझाव है कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नौकरी करने वाले व्यक्ति के लिए यह पूछना जरूरी हो गया है कि वे अपनी काम में क्या नया जोड़ रहे हैं। वे अपने काम में ऐसा क्या कर रहे हैं जिसकी पूर्ति एआई नहीं कर सकता है। वे ऐसा क्या कर सकते हैं जिसकी भरपाई एआई या कोई अत्याधुनिक तकनीक नहीं कर सकती है। चैटजीपीटी या जीपीटी -4 जैसे बड़े भाषा मॉडल का दिन-प्रतिदिन संचालन बढ़ने से रोजमर्रा के कामकाज और मानव संसाधन पर भौतिक प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है। हालांकि मुरो यह भी मानते हैं अगर एआई को जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल किया जाए तो यह मूल्यवान साबित हो सकता है।
अनिश्चितता के बावजूद, कुछ कंपनियां एआई क्रांति को गले लगा रही हैं। अवतार टूल्स स्टार्टअप जिनीज के सीईओ ने हाल ही में कंपनी के वर्कफ़्लो को सुव्यवस्थित करने के लिए अपने सभी कर्मचारियों के लिए ChatGPT खरीदा। हालांकि एआई पर ध्यान बनाए रखने की जरूरत है। यह देखा जाना अब भी बाकी है कि नौकरी बाजार पर इसका अंतिम प्रभाव क्या पड़ेगा।
(यह रिपोर्ट संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेट फीड से प्रकाशित हुई है।)
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