Gonda News: ढांचा विध्वंस पर कोर्ट फैसले के बाद स्लीपिंग मॉड्यूल बना सद्दाम

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गोंडा के करनपुर पठानपुरवा में सद्दाम के घर पर जांच करती पुलिस।

गोंडा। एटीएस के हाथ लगा स्लीपिंग मॉड्यूल सद्दाम शेख आईएसआईएस से प्रेरित था। उसने कश्मीर जाकर दहशत की राह पकड़ी थी। वहां से मिले प्रशिक्षण के बाद तराई से लेकर नेपाल तक उसने दहशगर्दी की नेटवर्किंग फैला रखी थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद शनिवार को गोंडा पहुंची उप्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (यूपी एटीएस) ने जिले के करनपुर के मजरे पठानपुरवा स्थित उसके घर को खंगाला। एटीएस ने सद्दाम के परिवारीजनों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के अलावा आसपास के इलाकों से इनपुट लिया है। इसके बाद टीम लखनऊ के लिए रवाना हो गई।

सद्दाम शेख ने तराई के महराजगंज, बहराइच, बलरामपुर के नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में दहशतगर्दी की नेटवर्किंग फैला रखी थी। इसकी पड़ताल के लिए एटीएम ने नेपाल के सीमावर्ती इलाकों पर सद्दाम के नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। सद्दाम के फेसबुक अकाउंट के साथ ही उसके नंबरों की कॉल डिटेल को खंगाला जा रहा है। उसकी जानकारी जुटाने के लिए एटीएस की टीम के गांव में पहुंचते ही लोग दहशत में आ गए। एटीएस ने तकरीबन एक दर्जन से अधिक लोगाें से इनपुट लिया है। (संवाद)

एटीएम की जांच में सामने आया कि सद्दाम ढांचा विध्वंस पर कोर्ट के फैसले से नाराज था और इसका बदला लेना चाहता था। इसलिए स्लीपिंग मॉड्यूल बन गया। एटीएस की पड़ताल में सद्दाम के फेसबुक अकाउंट से इसकी पुष्टि हुई है। सद्दाम ने फेसबुक पर कई बार आईडी बनाई, जिसे आतंकी सामग्री पोस्ट करने के कारण फेसबुक ने ब्लॉक कर दिया था। वह इसलिए भी रेडिकल कंटेंट पोस्ट करता था, ताकि कोई उससे संपर्क कर उसे हथियारों का प्रशिक्षण भी दे सके। सद्दाम की डीपी में आईएसआईएस, अलबद्र, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों व आतंकियों से संबंधित फोटो लगी मिली हैं। वह आईएमओ के माध्यम से पाकिस्तानी, कश्मीरी मिलिटेंट के संपर्क में भी था।

2011 में सूरत से आया

गांव वालों के अनुसार सद्दाम शेख सूरत में काम करता था। वर्ष 2011 में गोंडा आ गया और इसी वर्ष उसका निकाह हो गया। उसके तीन बच्चे हैं। इसके बाद बंगलूरू चला गया। वहां ड्राइवर की नौकरी करता था। परिवार के खर्च के लिए 8000 रुपये प्रति माह भेजता था।

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