Balrampur: बलरामपुर में हुई थी रामराज्य परिषद की स्थापना, अटल जी को पहली बार संसद में पहुंचाने में था अहम योगदान

[ad_1]

विस्तार


आजादी के बाद चुनाव आयोग में अखिल भारतीय रामराज्य परिषद नाम का राजनीतिक दल पंजीकृत हुआ था। इसके गठन की रुपरेखा संस्थापक स्वामी करपात्री महाराज ने 1948 में महाराजा बलरामपुर पाटेश्वरी प्रसाद सिंह के सहयोग और परामर्श से अविभाजित गोंडा के बलरामपुर में ही तैयार की थी।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पहली बार लोकसभा पहुंचाने का श्रेय बलरामपुर लोकसभा क्षेत्र को ही जाता है, लेकिन यह कम लोगों को पता होगा कि इसमें अखिल भारतीय रामराज्य परिषद का अहम योगदान था। परिषद के संस्थापक स्वामी करपात्री के प्रचार से हिंदू मतों का ध्रुवीकरण हुआ तो अटल बिहारी वाजपेयी ने कांग्रेस के हैदर हुसैन को हरा संसद में कदम रखा।

ये भी पढ़ें – अवध की 14 सीटों की मौजूदा स्थिति: दबंगों, सूरमाओं और दलबदलुओं के बीच नई पौध, बसपा तय करेगी समीकरण

ये भी पढ़ें – लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट: उपचुनाव के लिए दावेदारों ने कसी कमर, लोकसभा के साथ ही 20 मई को होगा मतदान

तीन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे थे वाजपेयी

संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के निधन के बाद जनसंघ के पास कोई अच्छा वक्ता और नेतृत्वकर्ता नहीं था। अटल बिहारी वाजपेयी 1952 में चुनाव हार चुके थे और जनसंघ के अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी। 

– वर्ष 1957 में वाजपेयी को संसद पहुंचाने के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने तीन क्षेत्रों लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से चुनाव लड़ाया। लखनऊ में उन्हें 57, 034 वोट मिले और वह दूसरे नंबर पर रहे। मथुरा में उनकी जमानत जब्त हो गई और निर्दलीय राजा महेंद्र प्रताप ने उन्हें चौथे नंबर पर धकेल दिया। लेकिन बलरामपुर ने उन्हें लोकसभा में पहुंचा दिया। उन्होंने कांग्रेस के हैदर हुसैन को मात दी।

[ad_2]

Source link