Gonda News: ठंड की दस्तक से हृदय व सांस रोगियों पर संकट, चार की मौत

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गोंडा। ठंड की दस्तक से हृदय व सांस के रोगियों का खतरा बढ़ गया है। पिछले दो दिनों में हृदयाघात व सांस फूलने से पीड़ित चार लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। डॉक्टरों के अनुसार इमरजेंसी में हर रोज ऐसे दस मरीज आ रहे हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती न होने के कारण मरीजों को गोल्डन ऑवर में उपचार नहीं मिल पाता है।

नगर कोतवाली के चौबेपुरवा निवासी कलावती (60) को सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ा, आनन फानन में मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में लाया गया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार कर गोल्डन हॉवर में हृदयरोग विशेषज्ञ को दिखाने का परामर्श दिया। परिजनों ने तुरंत लखनऊ ले जाने में असमर्थतता जताई तो मेडिकल काॅलेज में ही भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया। देर रात इलाज के दौरान निधन हो गया। इसी प्रकार कोड़रिया निवासी अल्पना (45) को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वजीरगंज के बाल्हाराई निवासी नबी उल्लाह (60) की सांस की बीमारी से इलाज के दौरान मौत हो गई। शहर के पंतनगर निवासी नबी रसूल (50) को तेज बुखार व सांस फूलने की दिक्कत होने पर भर्ती कराया गया। इनकी भी उपचार के दौरान मौत हो गई। इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर डॉ. दीपक सिंह ने कहा कि मौसम में बदलाव हो रहा है। बुखार व सर्दी के साथ हृदय रोग व सांस के मरीज बढ़ने लगे हैं। 100 मरीजों की ओपीडी में 10 मरीज हृदय रोग की समस्या वाले होते हैं। ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति विशेष सजगता बरतने की आवश्यकता है।

क्यों बढ़ती है हृदयरोग की समस्या

डॉ. एके त्रिपाठी ने के अनुसार सर्दी में ऑक्सीजन की कमी रहती है, जिससे रक्त वाहनियां संकरी हो जाती हैं। दिल के रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है। ब्लड प्रेशर सामान्य से कुछ ज्यादा रहता है, जो दिल के रोगियों के लिए परेशानी का सबसे बड़ा कारण है। जिन लोगों का कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा रहता है उनके लिए यह मौसम खतरनाक होता है। दिल के मरीजों में घबराहट, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दबाव या जकड़न बढ़ जाती है। ऐसे में सांस फूलने की शिकायत को इस मौसम में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सांस फूलने की परेशानी फेफड़ों में इंफेक्शन से भी हो सकती है।

रखें ध्यान

-मौसमी फलों और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं

-पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें।

-शरीर का वजन न बढ़ने दें।

– तनाव को दिमाग पर हावी न होने दें।

-ठंड में ज्यादा से ज्यादा गरम कपड़े पहनें।

-सिर और मुंह को ढक कर रखें।

-भोर में उठकर स्नान करने से बचें।

-गुनगुना पानी पिएं, ऐसे ही पानी से नहाएं।

-घर में रहकर ही हल्का व्यायाम करें।

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