Gonda News: बिना डोनर के दे दिया 42 यूनिट खून, ब्लड बैंक में फिर कंगाली
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गोंडा। बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय के सीएमएस ने मुफ्त खून बांटने में खूब दरियादिली दिखाई। 25 दिन के भीतर बिना रक्तदान किए ही 42 यूनिट खून दे दिया। जिससे एक बार फिर ब्लड बैंक में जरूरी ब्लड ग्रुप का स्टॉक शून्य हो गया। शनिवार को कई तीमारदार अपनों की जिंदगी बचाने के लिए जद्दोजहद करते दिखाई पड़े।अस्पताल में 500 यूनिट का ब्लडबैंक एक बार फिर कंगाली के कगार पर पहुंच गया है। शनिवार को स्टॉक में मात्र 68 यूनिट खून ही बचा था। पता चला कि अधिकारियों व नेताओं की सिफारिश पर बिना रक्तदान के ही तमाम लोगों को खून दे दिया गया। अब समस्या बढ़ी तो सिफारिश करने वाले भी ब्लड बैंक की मदद करने नहीं आ रहे हैं। शनिवार को यहां ए-पॉजिटिव, ए-निगेटिव, एबी निगेटिव, ओ निगेटिव ब्लड ग्रुप का खून खत्म हो गया।
गंगाडिहवा से आए चंद्रप्रकाश का भाई निजी अस्पताल में भर्ती था। वह रक्तदान कर एबी निगेटिव ग्रुप का खून चाहते थे। मगर ब्लड बैंक में संबंधित ग्रुप का खून ही नहीं था। इसी प्रकार कई अन्य तीमारदार भी अपनों की जान बचाने के लिए जद्दोजहद करते दिखाई पड़े।
मुफ्त खून बांटने वालों में सबसे आगे अस्पताल के सीएमएस डॉ. वीके गुप्ता रहे। उन्होंने इसी माह 42 यूनिट तथा इस सप्ताह में रविवार से शनिवार तक 15 यूनिट खून बिना डोनर के ही बांट दिया। मेडिकल कॉलेज के नोडल अधिकारी डॉ. कुलदीप पांडेय ने तीन यूनिट खून बांटा तथा सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने एक यूनिट खून बिना डोनर के दिलवाया है।
पिछले एक जून को भी ब्लड बैंक में खून की किल्लत हो गई थी। मात्र 52 यूनिट खून बचने तथा कई ग्रुप का स्टॉक शून्य होने से मरीजों की जान का खतरा बढ़ गया था। जिसके बाद अमर उजाला फाउंडेशन ने रक्तदान शिविर आयोजित कर दो जून को 28 यूनिट तथा 14 जून को 52 यूनिट रक्तदान कराया था। जिससे खून की कमी दूर हो गई थी।
बाबू ईश्वर शरण अस्पताल के सीएमएस डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित, थैलेसीमिया के रोगी व गर्भवती महिलाओं को बिना डोनर खून उपलब्ध कराया जाता है। बेहद जरूरतमंद लोगों को डोनर न होने की स्थिति में खून दिया गया है तथा उनके परिजनों को भविष्य में रक्तदान के लिए प्रेरित किया जाता।
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