Gonda News: 27 बाढ़ चौकियां तैयार, कंट्रोल रूम चालू
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गोंडा के कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक करते डीएम। – संवाद
गोंडा। बारिश और बैराजों से छोड़े जाने वाले पहाड़ी नालों के पानी से जिले में हर साल बाढ़ की स्थिति गंभीर हो जाती है। बीते साल तो 700 के करीब गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। ऐसे में प्रशासन इस बार अभी से बाढ़ की तैयारियों में जुट गया है। जिले में 27 बाढ़ चौकियों को तैयार किया गया है। बाढ़ के समय लोगों की मदद के लिए 334 नावों की व्यवस्था कर ली गई है। जिससे बाढ़ राहत कार्य में दिक्कत न हो।
कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत सभागार में बुधवार को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक आयोजित हुई। इसमें जनप्रतिनिधियों के साथ ही डीएम, सीडीओ, सीएमओ, समस्त एसडीएम व अधिशासी अधिकारियों ने गोंडा में आने वाली संभावित बाढ़ की तैयारियों पर चर्चा की। डीएम डॉ. उज्जवल कुमार ने जनप्रतिनिधियों को प्रशासन की तैयारियों से अवगत कराया। उन्हें आश्वासन दिया कि बाढ़ से बेहतर तरीके से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। बताया जिलाधिकारी कार्यालय में आपदा की स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जिसका फोन नंबर 05262-230125 है। यह 24 घंटे क्रियाशील है।
बाढ़ राहत व खाद्य सामग्री तथा पशु चारे के लिए भूसे का टेंडर कर लिया गया है। तरबगंज के 12, मनकापुर के एक, करनैलगंज के 11 तथा सदर तहसील में तीन सहित कुल 27 बाढ़ चौकियां निर्धारित कर ली गईं हैं। तरबगंज में 20, मनकापुर में एक तथा करनैलगंज में 10 सहित 31 बाढ़ शरणालयों को निर्धारित किया गया है। राहत व बचाव कार्य के 334 नावों की व्यवस्था की गई है। इसमें तरबगंज में 304, मनकापुर में छह तथा करनैलगंज में 24 नावों उपलब्ध रहेंगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम मिश्र व एमएलसी अवधेश कुमार सिंह ने तैयारियों की जानकारी ली। सीडीओ एम. अरुन्मोली, एडीएम सुरेश कुमार सोनी, एएसपी शिवराज, नगर मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता, सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की।
डीएम ने बताया कि बाढ़ राहत खाद्य सामग्री की सूची तैयार कर ली गई है। राहत सामग्री में लाई, भूना चना, गुड़, बिस्कुट, माचिस, मोमबत्ती, नहाने का साबुन, जरीकेन, तिरपाल, आटा, चावल, अरहर दाल, आलू, हल्दी, मिर्च, सब्जी मसाला, सरसों का तेल एवं नमक दिया जायेगा। इसके अलावा कम्युनिटी किचन के माध्यम से पका भोजन भी बाढ़ प्रभावितों को उपलब्ध कराया जाएगा। अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित क्षेत्रों में छोटी नालियों से लेकर बड़े नालों की साफ-सफाई, नावों की मरम्मत, नाविक, राहत कैंप, दवाओं की उपलब्धता, डॉक्टरों की टीम, आपदा प्रबंधन टीम एवं अन्य संबंधित व्यवस्था पूर्व से ही सुदृढ़ कर ली जाए। प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के टीकाकरण पर जोर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेते हुए उन क्षेत्रों में समस्त व्यवस्थाओं को पूर्ण कर लिया जाए।
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