Gonda News: जनवरी में 4575 ने लगवाई एंटी-रैबीज वैक्सीन

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गोंडा। जिले में कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। शहर में ही नहीं बल्कि गांवों में भी कुत्तों का खौफ लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है। सिर्फ जनवरी में 4575 लोग जानवरों के हमले के बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज व सीएचसी पर एंटी-रैबीज वैक्सीन एआरवी लगवाने पहुंचे।

सीएचसी पर एआरवी उपलब्ध होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रेफ्रिजरेटर न होने के कारण वैक्सीन उपलब्ध नहीं रहती है। फार्मासिस्ट अजय त्रिपाठी के अनुसार, कुल 4575 मामलों में 85 प्रतिशत कुत्तों के, आठ प्रतिशत बंदरों के और शेष अन्य जानवरों के हैं।

मेडिकल कॉलेज में 31 नंबर कक्ष में एक जनवरी से 31 जनवरी तक 3330 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। जिसके लिए 680 वॉयल वैक्सीन का उपयोग किया गया। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जनवरी में 1245 डोज एआरवी लगी। पशु चिकित्सा विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 60 हजार से अधिक कुत्ते घूम रहें है। जो ठंड के मौसम में हमलावर हो रहे हैं। शहर के विभिन्न अस्पतालों के आसपास भी कुत्तों का झुंड मंडराता रहता है और राहगीरों व तीमारदारों को शिकार बनाता है। बृहस्पतिवार को महिला अस्पताल में कुत्तों का झुंड एक कार के छत पर बैठा था। मेडिकल कॉलेज परिसर में भी कुत्तों का खौफ है।

लाइलाज है रैबीज

रैबीज का संक्रमण फैलने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है। सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि कुत्ता, बंदर, सियार, बिल्ली व नेवला आदि के काटने पर उसका लार व्यक्ति के खून में मिल जाता है। यदि काटने वाला जानवर रैबीज से संक्रमित होता है तो पीड़ित को रैबीज होने की आशंका बढ़ जाती है। रैबीज होने पर व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। उसे पानी से डर लगने लगता है। मुंह से भी लार निकलता है। अधिक संक्रमण होने पर वह भौंकना शुरू कर देता है। अंत में उसकी मौत हो जाती है।

पांच लोगों के इकट्ठा होने के बाद ही लगाई जाती है वैक्सीन

एआरवी के एक वॉयल में पांच डोज वैक्सीन होती है। यदि वॉयल खुल गई तो कुछ ही घंटों में वैक्सीन के खराब होने की आशंका रहती है। इसके कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पांच लोगों के इकट्ठा होने के बाद ही वैक्सीन लगाई जाती है। इंतजार न करने के कारण लोग मेडिकल कॉलेेज में ही वैक्सीन लगवाना बेहतर समझते हैं। एसीएमओ डॉ. आदित्य वर्मा ने बताया कि एआरवी लगाने को लेकर बुधवार व बृहस्पतिवार को प्रशिक्षण दिया गया। सीएचसी के चिकित्सकों को निर्देश दिया गया कि एक टाइम निर्धारित कर उसकी सूचना चस्पा कर दें। दो बजे के बाद लोगों को इकट्ठा कर वैक्सीन लगाई जाए।

2025 में होगा कुत्तों का

सर्वे और नसबंदी

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ठाकुर जी पांडेय ने बताया कि कुत्तों का सर्वे कराने का खाका तैयार किया गया है। अगले वर्ष कुत्तों का सर्वे कराया जाएगा तथा अभियान चलाकर सड़कों व गांवों में घूमने वाले कुत्तों को पकड़कर नसबंदी की जाएगी। वर्ष 2019 में हुए सर्वे में कुत्तों की संख्या करीब 48500 थी।

g जानवर काटे तो यह करें : जानवरों के काटने पर घाव को 15 मिनट तक साफ पानी व साबुन से धोना चाहिए। घाव पर एंटी सेप्टिक दवा लगाएं। रोकथाम के लिए एआरवी की पहली डोज 24 घंटे के अंदर, दूसरी डोज तीन दिन बाद, तीसरी डोज सात दिन बाद, चौथी डोज 14 दिन बाद और पांचवी डोज 28 दिन बाद लगवाएं।

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