Gonda News: डीबीटी देने में पीछे रहे 121 प्रधानाध्यापकों का रोका वेतन

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गोंडा। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफार (डीबीटी) का लाभ देने में पीछे रहे 121 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका गया है। वहीं, बभनजोत ब्लॉक को छोड़कर अन्य 15 शिक्षा क्षेत्रों के खंड शिक्षाधिकारियों को नोटिस दिया गया है।

साथ ही डीबीटी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में रुचि न लेने को लेकर तीन दिन में जवाब-तलब किया गया है। ऐसे में आगामी दिनों में खराब प्रगति को लेकर बीईओ पर कार्रवाई की जा सकती है।

परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए 18 नवंबर को अमर उजाला के माई सिटी के अंक में ””बिना यूनिफार्म 59 हजार बच्चों को बीत गया आधा सत्र”” शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी। इतना ही नहीं, 27 नवंबर को ”15 हजार बच्चों का नहीं बना है आधार” शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी। ऐसे में अफसरों की नींद टूटी तो बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जवाब तलब किया गया था।

बीएसए प्रेमचंद यादव ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से ब्लॉकवार लापरवाह प्रधानाध्यापकों चिह्नित कर रिपोर्ट तलब की। लेकिन बभनजोत को छोड़कर अन्य ब्लॉकों के बीईओ ने जानकारी भी देना भी मुनासिब नहीं समझा है। जिला समन्वयक प्रेमशंकर मिश्र ने बताया कि बभनजोत से मिली लापरवाह 121 प्रधानाध्यापकों की जवाबदेही तय करते हुए वेतन रोक दिया है। 15 ब्लॉकों के बीईओ को नोटिस दिया गया है।

10 हजार विद्यार्थियों का नहीं बन सका आधार

अधिकारियों ने बताया कि जिले में कुल 3.59 लाख विद्यार्थियों का नामांकन है। 10 हजार विद्यार्थियों के पास आधार कार्ड नहीं है। इसके चलते इन बच्चे डीबीटी से बाहर हो सकते हैं। इन्हें विद्यालय में यूनिफार्म के आना पड़ रहा है। विद्यालय स्तर पर कैंप लगाकर आधार बनाने को लेकर कोई कवायद नहीं शुरू की जा सकी है।

तय की जा रही जवाबदेही

बीएसए प्रेमचंद यादव ने बताया कि बीईओ, प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों की जवाबदेही तय की जा रही है। हर हाल में परिषदीय विद्यालयों को डीबीटी का लाभ दिलाया जाएगा। इसके लिए हरसंभव कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही सभी बच्चों को लाभ दिलाया जाएगा।

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