Gonda News: 14 घंटे में ही बना डाले छह महीने से लंबित जन्म प्रमाण-पत्र

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गोंडा। जिला महिला अस्पताल में शुक्रवार शाम सात बजे एकाएक हड़कंप मच गया। सभी लिपिक व फार्मासिस्ट एक साथ जुटकर जन्म प्रमाणपत्र बनाने में लग गए और 1्र4 घंटे में छह महीने का लंबित काम निपटा डाला। इस दौरान न तो पोर्टल में कोई समस्या आई और न किसी को कचहरी से शपथ पत्र की जरूरत पड़ी।

जिला महिला अस्पताल में पोर्टल न चलने का बहाना बताकर जन्म प्रमाणपत्र बनवाने वालों को कई महीनों से लौटाया जा रहा था। छह महीने में सीआरएस पोर्टल पर 1235 प्रमाणपत्र लंवित हो गए। प्रसूताओं व तीमारदारों की समस्या को लेकर अमर उजाला में शुक्रवार के अंक में 1235 नवजातों का जन्मप्रमाण पत्र फंसा, भटक रहे परिजन हेड लाइन से प्रकाशित खबर को शासन स्तर से संज्ञान लिया गया।

अस्पताल के एक कर्मी की मानें तो शासन से जन्म-मृत्यु पंजीकरण का पटल देख रहे मुख्य सचिव व महानिदेशालय के जेडी का फोन आया तथा तत्काल सुधार कर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद शाम सात बजे से अस्पताल के सभी लिपिक व संबंधित फार्मासिस्ट लंबित प्रमाणपत्रों के निस्तारण में जुट गए।

सीएमएस डॉ. रक्षारानी खुद पूरी रात जागकर प्रमाणपत्र बनाने वालाें की निगरानी में जुटी रहीं। रात का खाना भी कर्मियों ने अस्पताल में खाया। शनिवार सुबह नौ बजे तक अधिकांश प्रमाणपत्र बन गए। अब उन्हें फोन कॉल के माध्यम से बुलाकर जन्म प्रमाणपत्र दिया जा रहा है।

वर्जन

समय से जारी होना चाहिए जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र

अस्पतालों में प्रसव के बाद डिस्चार्ज करने के पूर्व जन्मप्रमाण पत्र जारी कर देना चाहिए। सभी कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

– डॉ. एचडी अग्रवाल, अपर निदेशक स्वास्थ्य

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