Gonda News: लघु सिंचाई के अधिशासी अभियंता को हाईकोर्ट से झटका
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गोंडा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पीवीसी पाइप आपूर्तिकर्ता फर्म को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड करने का आदेश रद्द कर लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को करारा झटका दिया है। अधिशासी अभियंता ने पाइप का नमूना फेल होने का आधार लेते हुए कार्रवाई की थी।
करनैलगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम वीरपुर (रेवारी) के किन्नू अहमद ने अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह के माध्यम से इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा कि वह मेसर्स आर्या कंस्ट्रक्शन एंड जनरल गोंडा फर्म का प्रोपराइटर है। लघु सिंचाई विभाग ने उसे गोंडा में निशुल्क बोरिंग योजना के तहत किसानों को आईएसआई मार्का पीवीसी पाइप उपलब्ध कराने के लिए अधिकृत किया था।
मुख्य अभियंता लघु सिंचाई विभाग उ.प्र. के आदेशानुसार गुणवत्ता की जांच के लिए 15 मार्च 2022 को परसपुर विकासखंड के ग्राम प्यौली के किसान सरफराज सिंह की निशुल्क बोरिंग में प्रयुक्त पाइप का नमूना लेकर सीपेट लखनऊ से परीक्षण कराया गया। नमूने को मानक विहीन और फेल घोषित करते हुए 12 अप्रैल 2023 को अधिशासी अभियंता ने फर्म को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड करते हुए विभाग में जमा फर्म की 50 हजार रुपये की जमानत राशि भी जब्त कर ली। विभाग ने उसका पक्ष नहीं जाना और एकतरफा कार्रवाई की।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और मनीष कुमार ने याची के कथन, मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों पर विचार कर निर्णय सुनाते हुए अधिशासी अभियंता के फर्म को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड करने के आदेश को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि विभाग की इच्छा हो तो वह याची का पक्ष सुनकर कोई उपयुक्त आदेश पारित कर सकता है।
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