Gonda News: खतरे के निशान से महज 29 सेंटीमीटर दूर सरयू
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नवाबगंज में पुलिस चौकी दत्त्नगर तक पहुंचा नदी का पानी। संवाद
गोंडा। सरयू में अब बैराजों से छोड़े गए पानी का असर दिखने लगा है। नदी खतरे का निशान पार करने की ओर तेजी से बढ़ रही है। बृहस्पतिवार को नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ने लगा। बुधवार को नदी खतरे के निशान से 81 सेंटीमीटर दूर थी, गुरुवार को ये दूरी 29 सेंटीमीटर ही बची है।
नदी में बैराजों से छोड़ा गया पानी बढ़ गया है। तीन लाख क्यूसेक पानी और छोड़े जाने से नदी में उफान आ रहा है। माना जा रहा है कि बाहरी पानी का दबाव ऐसे ही बढ़ता रहा तो नदी किसी भी वक्त खतरे के लाल निशान को पार कर जाएगी। इससे तटबंधों पर तो खतरा बढ़ेगा ही बिना तटबंध वाले तरबगंज के गांवों में बाढ़ की त्रासदी शुरू हो जाएगी।
नदी में इस समय शारदा बैराज से 1,53,054, गिरिजा बैराज से 1,37,234 और सरयू बैराज से 1,236 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे करनैलगंज में एलगिन-चरसड़ी तटबंध के बांसगांव और चंदापुर किटौली के पास नदी का प्रभाव बढ़ गया है। वह तटबंध की सुरक्षा के लिए बनाए गए स्परों को निशाना बना रही है। वहीं रायपुर माझा, नैयपुरा, परसावल गांव तक पानी पहुंच चुका है। इन गांवों के 800 बीघे खेतों को पहले ही नदी निगल चुकी है।
भिखारीपुर-सकरौर तटबंध ऐली के पास भी स्थिति गंभीर हो रही है। यहां नदी तटबंध को निशाने पर लिए है। इसके बाद जिन क्षेत्रों में तटबंध नहीं है, वहां लगातार पानी का फैलाव हो रहा है। जिससे महेशपुर, दुर्गागंज, जैतपुर, तुलसीपुर, ब्यौंदा माझा आदि गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।
नवाबगंज थाना क्षेत्र में ढेमवा मार्ग पर दत्तनगर स्थित पुलिस चौकी का अस्तित्व खतरे में आ गया है। सरयू का पानी पुलिस चौकी के करीब पहुंच गया है। चार वर्ष पहले बाढ़ की जद में आने से ढेमवा पुलिस चौकी का स्नानघर व शौचालय कटान में बह गया था। चौकी प्रभारी प्रेमचंद्र गुप्त का कहना है कि चौकी जर्जर अवस्था में है। चौकी के आसपास का मार्ग भी तेज बहाव में कट चुका है। नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।
सरयू में उफान देख प्रशासन ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। बृहस्पतिवार को ऐली परसौली गांव के घोड़हन पुरवा में तटबंध के किनारे नदी में बाढ़ से बचाव और राहत कार्यों की मॉकड्रिल की गई। इस दौरान पीएसी के जवानों ने नदी में डूब रहे लोगों और मवेशियों का रेस्क्यू कर सकुशल निकाला। फिर उन्हें एंबुलेंस से स्वास्थ्य कैंप भेजने की प्रक्रिया की। डीएम नेहा शर्मा ने बाढ़ राहत कैंप, पशु बाढ़ राहत केंद्र, प्लानिंग सेक्शन, रिस्पांसिबल ऑफिसर कैंप, सुरक्षा ऑफिसर कैंप, लॉजिस्टिक सेक्शन कैंप, ऑपरेशन सेक्शन कैंप, बाढ़ चौकी व अन्य कैंपों का निरीक्षण कर तैयारियों की जानकारी ली। डीएम ने बताया कि संभावित बाढ़ को देखते हुए यह अभ्यास किया गया है, जिससे बाढ़ आने पर लोगों को त्वरित मदद पहुंचाई जा सके। डीएम ने सांकेतिक रूप से कुछ ग्रामीणों को बाढ़ राहत किट एवं पशुपालकों को दवा भी वितरित की। साथ ही सभी पशुपालकों एवं वहां उपस्थित अन्य लोगों को बाढ़ के समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया।
डीएम ने कहा कि बाढ़ किसी भी समय आ सकती है। ऐसे में विभागों के अधिकारी सतर्क रहें। उन्होंने पुलिस, स्वास्थ्य, पशुपालन, सिंचाई आदि महत्वपूर्ण विभागों को विशेष तौर पर तैयार रहने को कहा। इस मौके पर एडीएम सुरेश कुमार सोनी, एएसपी शिवराज, सीएमओ डाॅ. रश्मि वर्मा, एसडीएम तरबगंज भारत भार्गव, एसडीएम करनैलगंज विशाल कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।
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