Gonda News: एसएसआईटी करेगी 28 स्कूलों में फर्जीवाड़े की जांच

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गोंडा। जिले के 28 सहायता प्राप्त (एडेड) स्कूलों में शिक्षक नियुक्तियों की जांच अब एसएसआईटी (स्टेट स्पेशल जांच टीम) करेगी। शासन ने साल 2020 में 28 सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्त हुए शिक्षकों में फर्जीवाड़े की जांच के आदेश दिए थे। एसआईटी ने पूरे मामले की जांच की, लेकिन जांच रिपोर्ट में अभिलेखों के सत्यापन कराने की ही संस्तुति कर दी। इसे लेकर जांच में कई तरह के सवाल खड़े हुए। इसके बाद प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने अब पूरे मामले की जांच एसएसआईटी को सौंपी है।

उन्होंने एसआईटी की जांच पर समिति की बैठक में मूल अभिलेखों के सत्यापन न होने और विभाग के अधिकारियों की ओर से प्रमाणित अभिलेख न होने की बात को गंभीरता से लिया। बेसिक शिक्षा के उप निदेशक अशोक कुमार ने बैठक में कहा कि उनके कार्यालय में कोई अभिलेख नहीं हैं। ऐसे में अभिलेखों की विस्तृत जांच की जरूरत बनी। अब प्रमुख सचिव ने अपर महानिदेशक विशेष जांच टीम को एसएसआईटी से कराने का निर्देश दिया है। इसमें राजपत्रित स्तर के अधिकारी अब जांच करेंगे जिससे शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े के राज से पर्दा उठ सकेगा।

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शासन ने 2020 में बैठाई थी जांच, लगे थे गंभीर आरोप

शासन ने गलत नियुक्तियों पर हर महीने 97 लाख वेतन पर खर्च कर सरकारी अनुदान के दुरुपयोग के मामले पर एसआईटी जांच बैठाई थी। उस समय जिले के 28 स्कूलों में कार्यरत 146 शिक्षकों में 76 की नियुक्ति के कोई अभिलेख ही नहीं मिले थे। वहीं 83 कर्मचारियों के चयन के विज्ञापन भी नहीं मिले थे। उस समय स्कूलों की जांच में 4535 छात्रों में सिर्फ 1044 छात्र ही उपस्थित मिले थे। इसकी जांच एसआईटी ने करके अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

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शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन किए बिना दे दिया वेतन

सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्तियों में बड़े स्तर पर खेल हुए। शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराए बिना ही वेतन दिए जाने की बात सामने आ चुकी है। एसआईटी ने जांच में भी शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन कराने की जरूरत बताई। वहीं वेतन में अनियमितता पर विशेष आडिट कराने की संस्तुति की। इससे स्पष्ट है कि वेतन देने में नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। जिससे बड़े पैमाने पर वेतन का बंदरबांट हुआ।

अभियान चलाकर कराएंगे जांच

शिक्षक भर्ती में अनियमितता के हर स्तर की जांच में सहयोग किया जाएगा। पूरे मंडल में अभियान चलाकर फर्जीवाड़े की जांच कराई जाएगी। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, सत्यापन और बिंदुवार साक्ष्यों के आधार पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। जांच टीम को प्रशासन हरसंभव सहयोग प्रदान करेगा।

– योगेश्वर राम मिश्र, मंडलायुक्त

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