क्या है PFI…जानिए कितना खतरनाक है ये संगठन? क्‍या है इस पर आरोप, जानें सबकुछ

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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर एक बार फिर यूपी ATS ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रदेश भर में हुई ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद दर्जनों PFI एजेंटों को हिरासत में लिया गया है. सितंबर 2022 के बाद ये दूसरी बड़ी कार्रवाई PFI संगठन पर है. यूपी एटीएस ने लखनऊ, मेरठ, बहराइच, गाजियाबाद और आजमगढ़ जैसे जिलों में रेड मारकर संदिग्धों को हिरासत में लिया है. लखनऊ से 1 एजेंट को, वाराणसी से 4 संदिग्ध, मुरादाबाद से 1 एजेंट को, इसी तरह आजमगढ़ से 3, मेरठ से 5 संदिग्ध और गाजियाबाद से 6 एजेंट पकड़े गए हैं. इसके अलावा भी कई जिले हैं, जहां पर छापेमारी कर लोगों को हिरासत में लिया गया है. PFI से जुड़ा सेंसिटिव इनपुट था और टेरर फंडिंग की खबर मिल रही थी. बताया जा रहा है क‍ि ग्राउंड पर संगठन एक्टिव हो रहा था और PFI एजेंट फिर सक्रिय हो रहे थे. संगठन को दोबारा जिंदा करने की कोशिश थी.

8 महीनों बाद PFI फिर सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर है.यूपी के दर्जनों जिलों के कई दर्जन ठिकानों पर ताड़तोड़ छापेमारी हुई है. वजह एक ही है देश-प्रदेश की सुरक्षा और शांति व्यवस्था को खतरा है. यूपी एंटी टेरर स्क्वॉयड ने एक साथ कई शहरों में रविवार सुबह छापेमारी कर हड़कंप मचा दिया. राजधानी लखनऊ समेत मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ में एटीएस ने एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाकर बड़ी कार्रवाई की. बताया जा रहा है कि पीएफआई पर बैन लगने के बाद भी कई मददगार सक्रिय थे. यूपी एटीएस ने दो महीनों की मशक्कत के बाद पीएफआई के खिलाफ प्रदेश स्तरीय सर्च ऑपरेशन चलाया. दर्जनों जिलों में छापे मारी कर 50 से अधिक लोग हिरासत में लिया है. सभी से पूछताछ की जा रही है.

दरअसल यूपी एटीएस को पीएफआई पर बैन लगने के बाद फॉरेन फंडिंग के इनपुट मिले थे. प्रतिबंधित संगठन PFI को दोबारा सक्रिय करने की कोशिश का इनपुट मिला था. ATS को इनपुट था कि फंडिंग इकट्ठा कर ग्राउंड पर संगठन को सक्रिय करने की तैयारी चल रही है. इसी इनपुट को लेकर यूपी एटीएस ने प्रदेश भर में ये सर्च ऑपरेशन चलाया. PFI यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का 22 नवंबर 2006 को को हुआ गठन और ये संगठन तीन मुस्लिम संगठनों से मिलकर बनाया गया. यह संगठन खुद को गैर-लाभकारी संगठन बातता है. संगठन सदस्यों की जानकारी नहीं देता है और इसका हेडक्वार्टर केरल से दिल्ली शिफ्ट किया गया है. संगठन के पास अपनी यूनिफॉर्म भी है.

संगठन पर आरोप
नंबर 1- टेरर फंडिंग …. PFI पर टेरर फंडिंग के आरोप लग चुके हैं.
नंबर 2- ट्रेनिंग कैम्प लगाना…. ऐसे कैंप जहां किसी आर्मी की तरह लोगों को ट्रेंड किया जाता था.
नंबर 3- लोगों को उकसाना….. PFI पर आरोप है कि उसने देश के विरोध में लोगों को उकसाया.
नंबर 4- CAA प्रदर्शन में शामिल … याद कीजिए वो तारीफ जब CAA के विरोध में देश जल रहा था. तब इसी संगठन ने हिंसा को हवा दी थी, ऐसे आरोप हैं.
नंबर 5- हिंदू नेताओं की हत्या में नाम…. तमाम राज्यों में हुए बड़े हिंदू नेताओं की हत्या में इस संगठ का रोल बताया गया.

क्‍या है इसका मकसद
मकसद नंबर-1… भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना
मकसद नंबर-2… बड़े स्तर पर धर्मांतरण करवाना
मकसद नंबर-3… भारत विरोधी गतिविधि में शामिल होना
मकसद नंबर-4… भारत की अखंडता को नुकसान पहुंचाना

यानी देश के खिलाफ संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम देना. उनमें मदद पहुंचाना ही इस संगठन का अबतक का रिकॉर्ड रहा है, तो आपने देखा यूपी के अलग-अलग शहरों में किस तरह से छापेमारी की गई. किस तरह से ताबड़तोड़ एक्शन के बाद दर्जनों संदिग्धों को हिरासत में लिया गया.

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