Gonda News: 40 साल पहले हुई खातेदार की मौत को पांच माह पहले का दिखाया

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तरबगंज (गोंडा)। 40 साल पहले हुई खातेदार मंगरे की मौत व संपत्ति को लेकर चकबंदी न्यायालय में चल रहे एक मुकदमे के दौरान हेराफेरी का मामला उजागर हुआ है।

इस दौरान लेखपाल व राजस्व निरीक्षक ने आपसी साठगांठ से खातेदार की मौत को पांच पहले का दर्शा कर दूसरे पक्ष के नाम वरासत दर्ज कर दी।

मामले की शिकायत के बाद डीएम ने लेखपाल व राजस्व निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश एसडीएम तरबगंज को दिया है।

क्षेत्र के पकड़ी निवासी असलम, आलम, अकरम हुमायूं व चांद अली ने बीती 15 दिसंबर को संयुक्त रूप से डीएम से मिलकर इस मामले की शिकायत की थी।

इसमें बताया गया कि गांव के खातेदार मंगरे की मौत 40 वर्ष पहले हो चुकी है। बेऔलाद होने के नाते मृतक की संपत्ति को लेकर उसके व जुलेखा बानो पत्नी मुसीबत अली निवासी सेमरीकला के बीच चकबंदी न्यायालय में वाद चल रहा था।

आरोप है कि इसी बीच लेखपाल नितीश कुमार ने पीड़ित पक्ष से दो लाख रुपये की मांग की। साथ ही धमकाया कि मांग पूरी न करने पर आरसी – 9 के तहत जुलेखा के नाम वरासत दर्ज कर दी जाएगी।

शिकायती पत्र में बताया गया कि लेखपाल ने दस हजार रुपये लेने के बावजूद आरसी-9 (वरासत) के लिए ऑनलाइन आवेदन करके 8 दिसंबर को उसमें जुलेखा का नाम नामांतर बही में दर्ज करा दिया। जबकि खातेदार की मौत 1981 में ही हो चुकी थी।

चकबंदी न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद राजस्व निरीक्षक रक्षाराम ने अपनी जांच में खातेदार की मौत की पुष्टि 15 जून 2023 को होने की पुष्टि की है।

शुक्रवार को हुई शिकायत पर डीएम नेहा शर्मा ने संबंधित राजस्व निरीक्षक व लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसडीएम को निर्देशित किया है।

नाम दर्ज होती ही महिला ने बेच दी विवादित जमीन

– पीड़ित ने बताया कि लेखपाल ने नामांतर बही में जुलेखा का नाम 08 दिसंबर 2023 को अंकित किया लेकिन खतौनी में उसका नाम दर्ज नहीं हो सका। इसके बावजूद विवादित कुल तीन गाटे में से दो गाटा की करीब डेढ़ बीघा जमीन बीते 13 दिसंबर को पकड़ी निवासी शाहजहां पत्नी अली हुसैन के पक्ष में जुलेखा ने बेच भी दी।

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