Gonda News: अपर जिला जज के हस्ताक्षर कर चालक ने बैंक से लिया साढ़े छह लाख का कर्ज
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गोंडा। जनपद न्यायालय में कार्यरत एक वाहन चालक ने एक अपर जिला जज न्यायिक अधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर से प्रपत्र बनाकर कोआपरेटिव बैंक से साढ़े छह लाख रुपये का कर्ज ले लिया। बैंक के नोटिस पर प्रपत्रों का सत्यापन हुआ तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
बैंक प्रबंधक ने कर्ज लेने वाले कर्मचारी से बात की तो वह आत्महत्या कर फंसाने की धमकी देने लगा। अदालत में प्रार्थना पत्र देकर प्रबंधक ने केस दर्ज कराने की मांग की। पुलिस ने आरोपी कर्मचारी के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के अधिवक्ता अजेय विक्रम सिंह ने बताया कि न्याय विभाग में वाहन चालक के पद पर कार्यरत कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम पूरे उदई निवासी शिवनाथ शुक्ला ने बैंक में साढ़े छह लाख के व्यक्तिगत कर्ज के लिए आवेदन किया था।
बैंक ने वार्षिक वेतन विवरण, नियोक्ता मेमोरेंडम, अंडरटेकिंग, नियोक्ता की संस्तुति आदि जरूरी प्रपत्र मांगे तो शिवनाथ ने आहरण वितरण अधिकारी (न्यायिक अधिकारी अपर जिला जज) का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर बैंक को प्रपत्र उपलब्ध करा दिया।
बैंक ने नवंबर 2022 में राशि उसके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी। बैंक के शाखा प्रबंधक अजय कुमार के अनुसार, जब शिवनाथ ने ऋण के सापेक्ष निर्धारित मासिक किश्तों का कई माह तक भुगतान नहीं किया तो नोटिस दिया गया। नियोक्ता आहरण वितरण अधिकारी को पत्र भेजा गया।
इस क्रम में 28 अगस्त 2023 को अपर जिला जज ने बैंक को सूचित किया कि शिवनाथ शुक्ला के व्यक्तिगत ऋण के लिए सेवायोजक संस्तुति आदि प्रपत्र पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। न तो उनकी ओर से कोई प्रपत्र जारी किया गया है और न ही उनके कार्यालय की मुहर लगी है। जब उन्होंने शिवनाथ से बात की तो वह आत्महत्या की धमकी देने लगा।
बैंक प्रबंधक ने बताया कि 21 सितंबर को दिए गए प्रार्थनापत्र पर कोतवाली नगर पुलिस ने वाहन चालक के खिलाफ कूटरचना व धोखाधड़ी का केस नहीं दर्ज किया तो मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में अर्जी दी। न्यायालय ने कोतवाली नगर पुलिस से रिपोर्ट मांगी। इसके बाद कोतवाली नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
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