Gonda News: विजिलेंस ने चार सीएमओ से तलब किए खरीद-फरोख्त के रिकाॅर्ड
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गोंडा। एनएचएम घोटाले के आरोपी सपा के पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बहराइच स्थित उनके आवास पर विजिलेंस ओर से निरीक्षण के बाद अब कोरोना काल व पिछले पांच सालों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवा व मेडिकल उपकरणों की खरीद-फरोख्त में करोड़ों के घोटाले की जांच भी रफ्तार पकड़ले लगी है। मामले की जांच कर रहे उप्र सतर्कता अधिष्ठान, अयोध्या ने चारों जिलों के सीएमओ से खरीद संबंधी अभिलेख तलब किए हैं।
कुछ वर्षों पहले तक पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव का कारोबार मंडल के सभी जिलों में फैला हुआ था। दवा व मेडिकल उपकरण खरीद में फर्म चाहे जिस नाम से हो, मॉनीटरिंग पूर्व विधायक का ही माना जाता था। विगत 25 नवंबर को पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव के बहराइच के कृषि विज्ञान केंद्र के सामने स्थित आवास पर छापा मारकर गहन निरीक्षण किया था। बड़ी, संख्या में पुलिस बल के साथ निरीक्षक विमलेंद्र, उपनिरीक्षक दीपेंद्र कुमार व अन्य अधिकारियों से जांच पड़ताल की थी।
अब एसपी विजिलेंस अयोध्या ने चारों सीएमओ को पत्र लिखकर मामले में पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव, बहराइच के तत्कालीन सीएमओ डॉ. सुरेश सिंह, गोंडा के तत्कालीन सीएमओ डॉ. संतोष कुमार श्रीवास्तव की भूमिका से संबंधी अभिलेख तलब किए गए हैं।
इससे वित्तीय वर्ष 2017 से 2021 तक में क्रय की गई दवा का नाम, आवंटित बजट, क्रय की प्रक्रिया, बिल संख्या, अनुरक्षण मद से कराए गए कार्यों के अभिलेख देने को कहा है। इसके साथ ही वाहनों के संचालन, आयुष्मान भारत योजना, सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, टीकाकरण कार्यक्रम, छपाई कार्यक्रम, मेडिकल उपकरण का विवरण मांग चुके हैं। साथ ही छह वर्ष की अवधि में आरपी कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से कराए कार्य के रिकार्ड पहले भी मांगे जा चुके हैं। पंचायत उद्योग से खरीदारी के अतिरिक्त बीएस इंटर प्राइजेज, यश मेडिकल एजेंसी से हुई खरीद की भी फाइल मांगी गई है।
चार फर्मों को किया जा चुका ब्लैक लिस्ट
एसपी विजिलेंस अयोध्या की ओर से जो कुछ पत्रावलियां मांगी जा रही हैं। उसे उपलब्ध कराया जाएगा। पारदर्शी जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा। शासन की ओर से उनकी चार फर्मों को ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है।
– डॉ. रश्मि वर्मा, सीएमओ
सभी सीएमओ करें जांच में सहयोग
मंडल के सभी सीएमओ को निर्देशित किया गया है कि ने जांच में पूरा सहयोग करें। जो पत्रावली मांगी गई है, उसके समय से जांच अधिकारी तक पहुंचा दें ताकि एक पारदर्शी जांच होकर दोषियों को सजा मिल सके।
– डॉ. एचडी अग्रवाल, एडी हेल्थ
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