Gonda News: तीन साल से दिल के मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज

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गोंडा। दिल के लिए शुक्रवार को खास दिन है। विश्व हृदय दिवस को लेकर जन जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। लेकिन जिले के अस्पताल में दिल का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। मेडिकल कॉलेज में हृदयरोग विशेषज्ञ की कुर्सी तीन साल से खाली पड़ी है। जांच के लिए खरीदी गई लाखों की मशीनें वर्षों पहले कंडम घोषित की जा चुकी हैं। जबकि हर रोज औसत छह मरीजों को अस्पताल से प्राथमिक उपचार देकर रेफर करना पड़ रहा है।

मेडिकल कॉलेज (तत्कालीन जिला अस्पताल) में तैनात हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. जीके सिंह विगत 30 अप्रैल 2020 को सेवानिवृत हो गए। उसके बाद से ही अस्पताल का हृदयरोग विभाग (कमरा नंबर 25) डॉक्टर विहीन हो गया है। कुछ समय बाद विभाग का रंगरोगन कर यहां डायलिसिस यूनिट बना दिया गया। हृदयघात से पीड़ित मरीज अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचते हैं, जिनका ब्लडप्रेशर व सामान्य जांच कर केजीएमयू के लिए रेफर कर दिए जाते हैं।

ईएमओ डॉ. दीपक सिंह ने बताया कि हर रोज औसतन छह मरीज यानि महीने में 180 मरीजों को रेफर किया जाता है। यदि मरीज गंभीर नहीं हैं तो ईसीजी व अन्य जांच करवाकर भर्ती कर लिया जाता है।

बिना इंस्टॉल किए मशीनें कंडम

हृदयरोग की जांच के लिए करीब दस वर्ष पहले टीएमटी व टू-डी ईको मशीनों की खरीद की गई थी। इससे मरीजों की हार्टबीट मापकर हार्टअटैक की आशंका का आकलन होना था, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते मशीनें बिना स्थापित हुए ही कंडम घोषित हो गईं। दो साल पहले तत्कालीन प्रमुख अधीक्षक घनश्याम सिंह ने मशीनों को कंडम घोषित कर दिया था। तभी से न जांच की व्यवस्था है, और न ही उपचार की।

गोल्डन ऑवर में इलाज मिलने से बच जाती है जान

हार्टअटैक पड़ने पर समय से उचित इलाज मिलने पर जान बच सकती है। फिजीशियन डॉ. एके त्रिपाठी ने बताया कि हार्टअटैक के बाद शुरुआती एक घंटा बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिसे गोल्डन ऑवर कहते हैं। इस दौरान हृदयरोग विशेषज्ञ से उपचार कराने पर जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।

दिल को सुरक्षित रखने के लिए क्या करें –

– दिल को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार लें, फल, हरी सब्जियों का सेवन करें।

– प्रतिदिन योग अभ्यास करें, धूम्रपान व मदिरापान को तत्काल बंद कर दें।

– लंबे समय से तनाव में रहने से दिल के बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है।

अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट का पद रिक्त है, इसके लिए उच्च अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। मेेरे कार्यकाल में टीएमटी व टू-डी ईको मशीनें अस्पताल में नहीं थीं। अब जल्द ही मेडिकल कॉलेज में हृदयरोग विशेषज्ञ की नियुक्ति होगी।

– डॉ. वीके गुप्ता, सीएमएस

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