Gonda News: सरयू में नाव पलटी, बाल-बाल बचे छह लोग

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संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा

Updated Wed, 27 Sep 2023 11:52 PM IST

नवाबगंज के ढेमवाघाट पर नाव का संचालन बंद होने से खड़े लोग। – संवाद

गोंडा। नवाबगंज के दत्तनगर से सवारियों को लेकर अयोध्या के सोहावल की तरफ जा रही नाव बुधवार को सरयू में ढेमवा घाट पुल के पास अनियंत्रित होकर पलट गई। गनीमत रही कि लगभग नाव किनारे पहुंच चुकी थी। जहां हादसा हुआ वहां नदी की गहराई भी कम थी, इस वजह से लोगों ने किसी तरह नदी से निकलकर अपनी जान बचा ली वरना बड़ा हादसा हो जाता। मामले में नवाबगंज में ढेमवा घाट (दत्तनगर) पुलिस चौकी के प्रभारी की लापरवाही उजागर हुई है। प्रशासनिक रोक के बावजूद स्थानीय लोगों से साठगांठ करके उन पर नाव अथवा स्टीमर का संचालन कराने का आरोप है।

घटनाक्रम के मुताबिक बुधवार सुबह लगभग नौ बजे दत्तनगर स्थित ढेमवा घाट पुल के पास एक नाव यात्रियों को लेकर सोहावल की तरफ जा रही थी। नाव पर तीन बाइकों सहित छह लोग सवार थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि किनारे पहुंचते ही नाव डगमगाकर पलट गई। पानी कम होने के कारण लोग बाल-बाल बच गए। नाव पर लदी बाइकें घंटों बाद भी नहीं निकाली जा सकीं। बुधवार को नाव पलटने के बाद यहां नाव व स्टीमर का संचालन बंद कर दिया गया। जिससे यात्रियों की समस्याएं बढ़ गईं। नाव न चलने के कारण लोग जान जोखिम में डालकर पानी में चलकर आते-जाते दिखे। सरोज, मंगला सहित कई महिलाओं ने बताया कि वे सोहावल से आ रही हैं। साखीपुर रिश्तेदारी में एक रिश्तेदार की मृत्यु हो गई है। वहीं जा रही हैं। नाव बंद होने के कारण पानी में चलकर आई हैं। ढेमवा चौकी प्रभारी साहब कुमार ने बताया कि नाव पलटने की कोई जानकारी नहीं है।

ढेमवा घाट मार्ग पर नाव का संचालन हमेशा विवादों में रहा है। बाढ़ के शुरुआती समय में जब स्थानीय लोगों द्वारा नाव संचालन की मांग की गई तो प्रशासन ने नाव पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद चोरी-छिपे नाव का संचालन जारी रहा। जिसमें स्थानीय पुलिस चौकी की भूमिका भी चर्चा में रहती है। बीते 14 सितंबर को भी यहां अचानक नाव रोक दी गई थी। जिसके चलते सैकड़ों लोग उस पार फंस गए थे। तहसील प्रशासन के हरकत में आने पर लोगों को निकाला जा सका था। उस समय भी मौजूदा चौकी प्रभारी की लापरवाही के चलते लोग देर रात तक परेशान हुए थे। फिलहाल ढेमवा मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों छात्र, दूध व खोया विक्रेता सहित निजी कार्यों के साथ रोजी-रोटी के लिए लोग आवागमन करते हैं। इसके बावजूद न तो यहां स्थानीय चौकी से कोई आरक्षी मौजूद रहता है न ही अन्य कोई जिम्मेदार।

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