Gonda News: बिना डिस्चार्ज के घर चली गई प्रसूता, दबाव बनाने का लगाया आरोप

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गोंडा के महिला अस्पताल में जांच करते अपर निदेशक स्वास्थ्य एचडी अग्रवाल।

गोंडा। जिला महिला अस्पताल गेट पर प्रसव व नवजात की मौत का मामले में स्वास्थ्य विभाग की लीपापोती शुरू हो गई है। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की उपस्थिति में करीब दो घंटे तक बैठक चली। जांच शुरू होने के पहले ही डाॅक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से इंकार करते हुए क्लीन चिट दे दी गई। वहीं, अस्पताल में भर्ती प्रसूता बिना रेफर किए ही घर चली गई। परिजनों ने बयान बदलने का दबाव बनाने का आरोप लगाया।

पटेलनगर निवासी अनीता का प्रसव मंगलवार शाम को महिला अस्पताल के गेट पर हो गया था। परिजनों ने स्ट्रेचर न मिलने और डॉक्टरों पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया था। तड़पती प्रसूता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर अधिकारियों के हाथ पांव-फूलने लगे।

अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. एचडी अग्रवाल व सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा बृहस्पतिवार को महिला अस्पताल पहुंची। सीएमएस डॉ. शालू महेश के चैंबर में करीब दो घंटे तक डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बैठक की। मामले की जांच के लिए वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. सुषमा सिन्हा, बालरोग विशेषज्ञ डॉ. रामलखन व स्टाफ नर्स अनीता नामित किया गया। लेकिन बैठक के तुरंत बाद सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि गर्भस्थ शिशु की मौत चार दिनों पहले हो चुकी थी। प्रसव भी अस्पताल परिसर में नहीं हुआ था, बल्कि घर पर ही प्रसव हो चुका था, सिर्फ नाल अटकी थी।

आला अधिकारियों ने जांच शुरू होने के पहले ही डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों को क्लीन चिट दी। दूसरी ओर बुधवार रात को प्रसूता अनीता बिना डिस्चार्ज किए ही घर चली गई। परिजन का आरोप है कि अस्पताल में लगातार उस पर बयान बदलने का दबाव बनाया जा रहा था। जिससे प्रसूता घर चली गई।

– महिला अस्पताल में लगातार हो रहे संवेदनहीन घटनाओं को गंभीरता से लिया गया है। अभी तक महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. शालू महेश बीमार थीं, जिससे बहुत दबाव नहीं बनाया जा रहा था। महिला अस्पताल के डॉक्टरों की ओर से निजी अस्पताल संचालन व मरीजों को बहला फुसलाकर ले जाने की की शिकायत पर जांच करवाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

– नेहा शर्मा, जिलाधिकारी

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