Gonda News: घट रही सरयू में फिर उफान

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वाबगंज के साखीपुर बाड़ी माझा में भरा पानी। – संवाद

गोंडा। बैराजों से छोड़े गए पानी से बाढ़ का खतरा दो तहसीलों की 20 पंचायतों के 100 गांवों में बना हुआ है। बीते तीन दिनों में नदी के जलस्तर में कमी आई थी। खतरे के निशान से 56 सेंटीमीटर ऊपर बह रही नदी शनिवार को घटकर तीन सेंटीमीटर पर पहुंच गई थी। मगर शनिवार को फिर बैराजों से पानी छोड़े जाने से रविवार को जलस्तर बढ़ने लगा।

नदी में बैराजों से छोड़े गए 3.26 लाख क्यूसेक पानी का रविवार को डिस्चार्ज शुरू हो गया है। इससे जिन गांवों में पहले से पानी पहुंच गया है, वहां और जलभराव होना तय है। इसके अलावा नदी के घटने और फिर बढ़ने से तटबंधाें में कटान के साथ ही प्रभावित गांवों में कटान तेज होना तय है। तरबगंज तहसील के नवाबगंज के दत्तनगर के गांवों में कटान हो रही है। यहां के लोग घर छोड़कर पटपरगंज और आसपास शरण लिए हुए हैं।

ऐली परसौली के पास भिखारीपुर सकरौर तटबंध से सटकर नदी बह रही है, जिससे कटान का खतरा बढ़ा हुआ है। चंदापुर किटौली में भी तटबंध पर खतरा मंडरा रहा है। करनैलगंज में एल्गिन- चरसड़ी तटबंध को भी नदी ठोकर मार रही है। अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार सोनी का कहना है कि तटबंधों की निगरानी की जा रही है। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है।

करनैलगंज संवाद के मुताबिक सरयू नदी के जलस्तर में रविवार को बाहर से आए पानी के डिस्चार्ज से जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। जलस्तर और बढ़ने के संकेत मिले हैं। शनिवार को सरयू खतरे के निशान के मात्र सात सेंटीमीटर ऊपर रही। विभिन्न बैराजों से छोड़े गए पानी में बढ़ोतरी होने लगी है। शनिवार को 3.26 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जो रविवार शाम से एल्गिन चरसड़ी पर पहुंचना शुरू हो गया। रविवार को पुनः 3.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालांकि जिन गांवों में पानी भर गया था वहां से पानी कम होने लगा था। मगर ग्रामीणों के मुश्किलें अभी कम नहीं होंगी। बल्कि रविवार से जलस्तर में एक बार फिर बढ़ोत्तरी होने लगी। जो सोमवार तक जारी रहने की बात सामने आ रही है। बांध पर तैनात अवर अभियंता रवि वर्मा ने बताया कि सरयू नदी खतरे के निशान से आठ सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।

नवाबगंज संवाद के मुताबिक बैराजों से छोड़ा गया पानी नवाबगंज क्षेत्र के सभी इलाकों तक पहुंच चुका है। जिससे आम जनजीवन सामान्य नहीं रहा। लोगो के पलायन के साथ-साथ फसलों के नुकसान की स्थिति ज्यादा बनी है। तुलसीपुर, चौखड़िया, महंगूपुर, जैतपुर, मल्लहन पुरवा, महेशपुर में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। इसको लेकर अब हर जगह लोग चिंतित नजर आ रहे हैं। धान व गन्ने की फसलें भी डूब रही हैं। साखीपुर, बाड़ी माझा गांव के लोग घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। बाढ़ से पूर्व ही यहां सरयू की तेज लहरों ने कटान शुरू कर दी थी, इधर बाढ़ आने पर भी कटान में कई बीघा फसल लगी जमीन पानी में समा चुकी है।

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