Gonda News: सरयू के तेवर से गांवों में तबाही का मंजर, सहमे मांझावासी
[ad_1]
गोंडा में करनैलगंज के रायपुर माझा गांव में भरा बाढ़ का पानी।
गोंडा। सरयू नदी के तेवर से जिले के 20 गांवों में बाढ़ से तबाही का मंजर देखकर मांझावासी सहमे हुए हैं। नदी खतरे के लाल निशान को पहले ही पार कर चुकी है और लगातार उफान पर है। अब जहां 57 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। वहीं 3.18 लाख क्यूसेक पानी के डिस्चार्ज से नदी तबाही मचाने को बेताब है। प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है।
नदी में उफान से सौ से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। प्रशासन की ओर की गईं तैयारियां नाकाफी साबित हो रहीं हैं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने करनैलगंज व तरबगंज तहसील प्रशासन से बाढ़ की स्थिति की जानकारी किया और राहत व बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य व पशुपालन विभाग को अलग से सजग किया है।
वहीं, बाढ़ से घिरने के बाद करीब दस हजार की आबादी गांवों को छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंच गई है। करनैलगंज में तटबंध के साथ ही बाहर के गांवों में लोग पहुंच रहे हैं। तरबगंज तहसील में प्रशासन लगातार लोगों को गांवों से निकालकर ऐली तटबंध के पास, अमदही, उमरीबेगमगंज, नवाबगंज के पटपरगंज आदि स्थानों पर लोगों को रोक रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ पीडितों को हर संभव मदद की जाएगी। इसके साथ ही बाढ़ चौकियों पर लोगों को राहत देने का निर्देश दिया है।
दत्तनगर और ब्योंदा से लोगों का शुरू हुआ पलायन
नवाबगंज (गोंडा)। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से दत्तनगर, ब्योंदा माझा गांव के लोग पलायन कर रहे हैं। पानी तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते साखीपुर, गोकुला, तुलसीपुर, चौखड़िया, जैतपुर, माझाराठ, दुर्गागंज गांव में बाढ़ की हालत गंभीर हो गई है। लोगो के लिए यहां रहना कठिन हो गया है। दत्तनगर पंचायत के बैसिया, पाड़ी, टाड़ी, चहलहवा, धुसवा में बाढ़ से कहर बरप रहा है। लोग मवेशियों के साथ पलायन कर रहे हैं। ब्योंदा माझा प्रधान केशवराम ने बताया की पूरी तरह गांव पानी की जद में आ गया हैं। घरूकन पुरवा में भेजी गई नांव में सुराग होने से लोगों को बाहर आने में दिक्कत हुई। तुलसीपुर माझा व दत्तनगर की बाढ़ चौकियों पर जिम्मेदार नहीं पहुंचे।
बाढ़ के दायरे में आ रहे हैं गांव, डूब गईं फसलें
करनैलगंज (गोंडा)। दो दिन पहले सरयू नदी में विभिन्न बैराजों से छोड़े गए पानी की आमद बुधवार शाम से शुरू हुई तो बृहस्पतिवार की सुबह कई गांव बाढ़ की जद में आ गए। चंदापुर किटौली के चार गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर चुके हैं। दो गांवों में पानी घुस गया है। यहां के ग्रामीण बांध पर अपना आशियाना बना चुके हैं। बांसगांव के दो गांवों नैपुरा गांव, परसावल, कमियार गांव एवं माझा रायपुर पूरी तरह जलमग्न हो गया। यहां तक की कमियार और नैपुरा के बीच सरकारी विद्यालय बाढ़ की जद में आ गए हैं। परसपुर के बहुवन मदार माझा के सामने बांध के दूसरी तरफ पूरी तरह जलभराव होने के चलते फसलें डूब गई हैं। इन सभी गांव की आबादी बाढ़ से प्रभावित होने के साथ-साथ करीब 10 हजार बीघा से अधिक गन्ना, धान, मक्का व सब्जियों की फसल पूरी तरह पानी में डूब चुकी है। ग्राम नकहारा के सामने से चंदापुर किटौली के बीच 20 किलोमीटर से अधिक की परिधि में सरयू नदी बांध से टकराकर बह रही है।
[ad_2]
Source link