Gonda News: सरयू जल से 45 गांवों में आवागमन प्रभावित
[ad_1]
नवाबगंज के बाड़ी माझा में जमीन काटती सरयू नदी। – संवाद
गोंडा। दो दिन से लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश का असर अब सीधा सरयू नदी में दिखने लगा है। सरयू में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। करनैलगंज में तटबंध व नदी के बीच के पांच गांवों और तरबगंज के 40 गांवों में पानी भरने से आवागमन प्रभावित है। गांवों में कटान भी शुरू हो गई है।
सरयू नदी का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर नीचे था जो रविवार को सात सेंटीमीटर बढ़कर मात्र 13 सेंटीमीटर नीचे रह गया। शनिवार को बैराजों से 2.80 लाख क्यूसेक पानी सरयू में छोड़ा गया था जो रविवार को पहुंचना शुरू हुआ। रविवार को भी 2.97 लाख क्यूसेक पानी विभिन्न बैराजों से सरयू में छोड़ा गया जो सोमवार को पहुंचना शुरू होगा। ऐसे में बांध को किसी प्रकार का खतरा तो नहीं है मगर नदी और बांध के बीच की दूरी सिमट चुकी है। ये हालात बांध के लिए खतरा बन सकते हैं।
ग्राम नकहारा, रायपुर माझा, बांसगांव, बेहटा, चंदापुर किटोली के आसपास नदी की धारा और बांध के बीच की दूरियां लगभग समाप्त होने की ओर हैं। आने वाले समय में नदी के खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने पर सीधे धारा का बांध से टकराव शुरू होगा। बांध पर तैनात अवर अभियंता रवि वर्मा का कहना है कि लगातार बांध के निगरानी के साथ ही स्पर व ठोकर की देखरेख कराई जा रही है। बांध की ड्रोन कैमरे से भी निगरानी चल रही है। किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
नवाबगंज (गोंडा)। नवाबगंज विकासखंड के दत्तनगर में ढेमवा मार्ग से आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद रोजी-रोटी के लिए लोग स्टीमर व नाव से सफर कर रहे हैं। लोगों की आवश्यकताओं और मजबूरियों के आगे नियम भी फेल हो चुके हैं। बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक पहुंच चुका है। पशुओं के चारे का संकट गहरा गया है। प्रशासन ने ढेमवा मार्ग पर रोक के बाद अन्य कोई व्यवस्था अब तक नहीं उपलब्ध कराई है। इसके चलते लोगों में नाराजगी भी व्याप्त है। वहीं, बाड़ी माझा, साखीपुर व माझाराठ में कटान जारी है।
[ad_2]
Source link