Gonda News: एटीएस के हत्थे चढ़ा सद्दाम का मददगार रईस

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गोंडा में तरबगंज के रामापुर ​स्थित इसी घर पर एटीएस ने दी दबिश

गोंडा। उत्तर आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपीएटीएस) ने स्लीपिंग मॉड्यूल सद्दाम शेख के बाद उसके मददगार मोहम्मद रईस के तरबगंज के रामापुर दीनपुरवा स्थित घर पर बुधवार की देर रात दबिश दी। उस समय वह घर पर ही मौजूद था, टीम ने उसे दबोच लिया और अपने संग लेकर लखनऊ रवाना हो गई।

सद्दाम ने एटीएस की पूछताछ में कई राजफाश किए हैं। जिसमें अपने मददगारों के नाम भी उजागर किए हैं। इनमें से एक नाम मोहम्मद रईस का भी है। यूपीएटीएस की दबिश से पूरे क्षेत्र में खलबली मची है। रईस मुंबई में एक निजी होटल में वेटर का काम करता है। मई में निकाह के लिए घर आया था, तब से मुंबई नहीं गया। चार भाइयों में वह तीसरे नंबर पर है। रईस की गिरफ्तारी या पूछताछ के मामले में यूपी एटीएस के अधिकारियों ने अभी तस्वीर साफ नहीं की है। जबकि तरबगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक सुरेश कुमार वर्मा ने एटीएस के अफसरों के रामापुर गांव में दबिश देने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यूपी-एटीएस मोहम्मद रईस की तलाश में थी।

इससे पहले यूपी-एटीएस ने जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र के करनपुर पठानपुरवा के रहने वाले स्लीपिंग मॉड्यूल सद्दाम शेख और जम्मू के मेंढर के रहने वाले स्लीपिंग मॉड्यूल रिजवान को उठाया था। सद्दाम शेख का ब्योरा खंगालने के लिए यूपी-एटीएस दो जुलाई को करनपुर पठान पुरवा स्थित सद्दाम के घर पर छापा मारा था। यहां सद्दाम का आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक व जमीन और मकान के दस्तावेज की पूरी जानकारी हासिल करने के बाद उसकी पत्नी रुबीना, रिश्तेदार किस्मत अली समेत पड़ाेसियों के बयान दर्ज किए थे।

इसी के दो दिन बाद दोबारा पठान पुरवा पहुंची एटीएस ने सद्दाम के घर का कोना-कोना खंगाला था। एटीएस ने सात जुलाई से 21 जुलाई तक सद्दाम शेख को रिमांड पर लिया है। पूछताछ के दौरान उसने अपने जिन मददगारों के नाम का खुलासा किया है, एटीएस ने उनपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

इससे पहले सद्दाम के मददगार करनपुर के लालापुरवा निवासी राकेश गुप्ता को भी एटीएम पूछताछ के लिए उठा चुकी है। सद्दाम शेख वर्ष ने 2004 में गुजरात से यहां आने के बाद सबसे पहले पठान पुरवा में ठिकाना बनाया। इसके बाद यहीं की रुबीना से निकाह कर लिया। परिवार बसाने के बाद वह तराई के सिदार्थ नगर, बहराइच, बलरामपुर समेत नेपाल सीमा से जुड़े जिलों में अपनी ही तरह स्लीपिंग मॉड्यूल बना रहा था। सद्दाम शेख से चल रही एटीएस की पूछताछ में अभी उसके और मददगारों के नाम सामने आने की उम्मीद है।

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