Gonda News: पौराणिक व धार्मिक केंद्र बनेंगे पर्यटन स्थल

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गोंडा। अब हर विधानसभा क्षेत्र में पौराणिक व धार्मिक स्थलों का पर्यटन स्थल के रूप में विकास होगा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सभी जनप्रतिनिधियों के साथ ही आम लोगों से भी प्रस्ताव मांगा है। क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत जिले के पर्यटन स्थल विकसित होंगे। इसके लिए 25 लाख से पांच करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट को पर्यटन विभाग मंजूरी देगा। इसके लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी भी मिलेगी।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन स्थल विकसित करने के लिए सांसद, विधायक, कोई भी प्रतिष्ठित या सक्षम व्यक्ति, सरकारी अथवा गैर सरकारी प्रस्तावक हो सकता है। परियोजना में 25 लाख की न्यूनतम और पांच करोड़ की अधिकतम धनराशि के प्रोजेक्ट तैयार किए जाएंगे। परियोजना लागत का 50 प्रतिशत पर्यटन विभाग द्वारा खर्च किया जाएगा। शेष 50 प्रतिशत का बजट क्षेत्रीय सांसद या विधायक द्वारा अपनी निधि के अंतर्गत दिया जा सकता है। पर्यटन स्थल विकसित करने में पर्यटन विभाग हर तरह से सहयोग करेगा।

डीएम ने बताया कि प्रोजेक्ट का 50 फीसदी यानी की ढाई करोड़ रुपये तक पर्यटन विभाग देगा। प्रोजेक्ट की फाइल तैयार करने में सहयोग भी होगा।

अयोध्या से सटा होने के कारण जिले में आध्यात्मिक व पौराणिक स्थल हैं। पसका में वाराह भगवान मंदिर के साथ ही उमरीबेगमगंज के मुकुंदपुर में मां वाराही देवी मंदिर है। परसपुर के राजापुर में गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली और गुरु नरहरिदास के आश्रम के विकास की उम्मीद भी अब जगी है। पर्यटन विकास से ये स्थल जिले की पहचान तक बन सकते हैं। पौराणिक स्थल सकरौर समेत कई अन्य स्थल भी इस योजना के दायरे में आ सकेंगे। इसके लिए बस स्थानीय जनप्रतिनिधियों को पहल करने की जरूरत है।

वजीरगंज के कोंडर स्थित महार्षि पतंजलि की जन्मस्थली के विकास के लिए पर्यटन विभाग से एक करोड़ 30 लाख का बजट मिल चुका है। वहीं, महार्षि जमदग्नि आश्रम जमथा और पराशर ऋषि की तपोस्थली परास में विकास के लिए भी योजना को स्वीकृति मिल चुकी है। इसके अलावा अब अन्य क्षेत्रों का विकास होगा। पृथ्वीनाथ मंदिर, झालीधाम, स्वामी नरायण मंदिर, श्रवण पाकड़ पहले से पर्यटन विभाग की सूची में शामिल है।

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