Gonda News: समूहों के उत्पादों को आरगा ब्रांड से मिलेगी पहचान

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गोंडा। जिले के स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद अब किसी पहचान के मोहताज नहीं रहेंगे। 55 स्वयं सहायता समूहों की 600 महिलाओं की ओर से तैयार किए गए उत्पादों को आरगा ब्रांड की पहचान मिली है। प्रधानमंत्री के लोकल फॉर वोकल मंत्र से प्रेरित होकर समूहों को आत्मनिर्भर बनाने और बाजार में स्थान दिलाने की पहल जिले में हुई है, जो प्रदेश में नजीर बनी है।

सीडीओ एम. अरुन्मोली ने इसके लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के सभी समूहों के उत्पादों की समीक्षा की। इसमें 55 उत्पाद चिह्नित करके उनको आरगा ब्रांड का नाम दिलाया। इस ब्रांड की लांचिंग शुक्रवार को श्रम एवं सेवायोजन मंत्री व जिले के प्रभारी अनिल राजभर करेंगे। इसके लिए लांचिंग समारोह राॅयल पैराडाइज में शुक्रवार को पूर्वाह्न 11 बजे होगा।

सीडीओ ने बताया कि जिले में 10 हजार स्वयं सहायता समूहों में शामिल एक लाख महिलाओं के लिए प्रोजेक्ट अरगा एक मिसाल बनेगा। उन्होंने बताया कि समूहों के उत्पाद जैसे अचार, मुरब्बा, आटा, नमकीन, बेसन, नूडल्स आदि की बाजार में प्रस्तुति अरगा ब्रांड से होगी। किया जाएगा। इससे जिले के उत्पादों को बड़े स्तर पर स्थापित करने का प्रयास होगा।

प्रोजेक्ट अरगा से अब कई ब्लाॅकों की पहचान वहां के उत्पाद से होगी। इसकी तैयारी पूरी हो गई है। सीडीओ एम. अरुन्मोली ने बताया कि अरगा ब्रांड से इन उत्पादों के देशभर में पहुंचने का अवसर मिलेगा। वहीं, ब्लाॅकों को अब उन उत्पादों की उपलब्धता के लिए जाना जाएगा। बभनजोत ब्लाॅक की वहां के समूहों की अलसी के लड्डू उत्पाद से तो कटरा बाजार की नमकीन, झंझरी का अचार, परसपुर के नूडल्स, बेलसर के पॉपकार्न तथा हलधरमऊ के सरसों का तेल अरगा ब्रांड से धूम मचाएगा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को इन उत्पादों को ब्रांड समर्पित किया जाएगा।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि समूह की महिलाओं के उत्पाद को एक ब्रांड से बाजार में लाने की पहल सराहनीय है। इससे कारपोरेट की तर्ज पर स्वदेशी उत्पादों को पूरे देश में बढ़ने का अवसर मिलेगा। सीडीओ की पहल जिले के लिए मिसाल है।

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