Gonda News: जीवनदायिनी टेढ़ी नदी का काला हुआ पानी
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गोंडा। जीवनदायिनी टेढ़ी नदी अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। बालपुर कस्बे का सारा कूड़ा कचरा व नाले का गंदा पानी नदी में गिराया जा रहा है। नाले का पानी नदी में गिरने से पानी जहरीला हो गया है। जिससे मवेशियों को प्यास बुझाना भी मुश्किल है।
यह नदी बहराइच के चित्तौड़ झील से निकलकर 66 गांव पंचायतों के निकट से गुजरती है। टेढ़ी नदी के उद्धार के लिए शासन ने जो भी योजना बनाई वह केवल कागजों में सिमट कर रह गई। बालपुर कस्बे के निकट काली जी के मंदिर के पास नदी को कूड़े से पाट कर नदी की धारा भी मोड़ दिया गया है। लोग नदी पाटकर कब्जा करने में जुटे हुए हैं। जबकि एक दशक पहले लोग बालपुर के पास बने रामघाट पर स्नान ध्यान करके पूजापाठ करते थे मगर आज घाट की सीढ़ी कूड़े से पटी हुई है। नदी का पानी बदबू कर रहा है। जिससे पशु-पक्षी भी पानी नहीं पी रहे हैं। कई पशु इस नदी का पानी पीकर बीमार भी हो गए हैं।
बालपुर के दीनानाथ यादव, रामचरन, दूधनाथ मिश्र कहते हैं कि नदी का पानी दूषित होने से पानी पीकर जानवर बीमार हो जाते हैं। भीषण गर्मी में जानवरों के पानी पीने की समस्या बनी हुई है।
जिला प्रभागीय वनाधिकारी पंकज शुक्ल ने बताया कि नदी की सफाई के लिए प्रशासन ने रणनीति तैयार की है। बीडीओ से वार्ता की जाएगी।
बालपुर हजारी गांव की प्रधान आशा धर्मपाल सिंह का कहना है कि बालपुर में कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन चिह्नित की गई है। अब जो लोग नदी में कूड़ा फेकेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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