बच्चे की नृशंस हत्या में अभियुक्त को उम्रकैद: 2019 में ट्यूशन जाते हुए अपहरण कर गला दबाकर हत्या की, एकतरफा प्यार के कारण दिया था घटना को अंजाम

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सहारनपुर कोर्ट ने एक नौ साल के मासूम बच्चे के अपहरण के बाद हत्या के मामले में एक अभियुक्त को दोषी करार दिया है। अभियुक्त ने मासूम का पहले गला घोटा और उसके बाद चेहरे को ईंट से कुचल कर ईंख के खेत में फेंक दिया था। मामले में कोर्ट ने अभियुक्त को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। जिला न्यायाधीश बबीता रानी की कोर्ट ने यह सजा सुनाई है।

 

पहले गला घोटा और फिर ईंट से चेहरा कुचला
शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने बताया, 25 फरवरी 2019 में थाना कुतुबशेर की नदीम कॉलोनी के खालिद का नौ साल का बेटा उमर अली ट्यूशन पढ़ने गया था। ट्यूशन जाते समय उसका अपहरण हो गया था। परिजनों ने शाम 4.30 बजे तुरंत पुलिस का सूचना दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने आजाद कॉलोनी के रहने वाले अरशद को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी।

पूछताछ में अरशद ने बच्चे की हत्या करने की बात कबूल की। पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया और उसकी निशानदेही पर थाना चिलकाना क्षेत्र के गन्ने के खेत से उमर का शव बरामद किया। अरशद ने पहले गला दबाकर बच्चे की हत्या की थी। इसके बाद ईंट से चेहरा कुचल दिया था। पुलिस ने अभियुक्त अरशद को जेल भेज दिया था। साथ ही मामले की तफ्तीश का आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था।

बच्चे मां से एकतरफा प्यार करता था अभियुक्त
पुलिस पूछताछ में अरशद ने बताया, अरशद बच्चे की मां से एकतरफा प्यार करता था। अभियुक्त ने बार-बार प्रपोज भी किया। लेकिन, महिला ने बच्चे का हवाला देते हुए उससे बात करने से इनकार कर दिया। लेकिन वह नहीं माना।

बच्चे के बहाने वह लगातार उसके घर आने का प्रयास करता रहा। जब महिला ने स्पष्ट इनकार कर दिया तो अभियुक्त ने बच्चे को ही रास्ते से हटाने का बात कही। 25 फरवरी 2019 को जब बच्चा ट्यूशन पढ़ने के लिए गया तो अभियुक्त ने उसे पैंसिल दिलाने का बहाना बनाकर अपहरण कर लिया। बच्चे को ईख के खेत में ले जाकर पहले उसका गला दबाकर हत्या की और उसके बाद बच्चे के चेहरे को ईंट से कूचल दिया। शव को ईख के खेत में छोड़ दिया।

पुलिस विवेचना में बच्चे का हत्यारा पाया गया अभियुक्त
विवेचना के उपरांत पुलिस ने अरशद को नौ वर्षीय उमर अली का हत्यारा पाया। पुलिस ने अपहरण और हत्या की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया। मामले की सुनवाई के उपरांत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषी पाते हुए जिला जज बबीता रानी ने अरशद को दोषी पाते हुए अधिकतम आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। सजा दिलवाने में शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता, विवेचक अभिषेक सिरोही, पैरोकार अलका त्यागी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

(यह  रिपोर्ट संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेट फीड से प्रकाशित हुई है।)

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