Gonda News: 21 साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद फर्जी वसीयतनामा निरस्त

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गोंडा। 21 साल तक चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद न्यायालय ने कथित भांजा बनकर पंजीकृत कराई गई वसीयत को निरस्त कर दिया। प्रतिवादीगण स्वयं को वसीयतकर्ता भूस्वामी की बहन का पुत्र साबित करने में असफल रहे।

सदर तहसील क्षेत्र के पूरे दतई इटहनवा निवासी जगतराम और उनके भाई जगत पाल ने साल 2002 में बखरवा निवासी अजय कुमार व महराज दत्त के विरुद्ध सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में वाद दाखिल कर चचेरे भाई साधू की ओर से लिखे गए कथित वसीयतनामे को निरस्त करने की मांग की।

वादी के अधिवक्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी ने बताया कि साधू की ग्राम पूरे दतई स्थित चल, अचल संपत्ति का वसीयतनामा कराकर प्रतिवादी अजय कुमार व महराज दत्त ने साधू की बहन रामा देवी का पुत्र बताते हुए संपत्ति को हड़पने का प्रयास किया था, लेकिन 21 साल तक चली लंबी लड़ाई में प्रतिवादी स्वयं को वसीयतकर्ता साधू (मृतक) का भांजा नहीं साबित कर सके। जबकि वादीगण ने स्वयं को साधू का चचेजात भाई साबित कर दिया।

इस मामले में वादी, प्रतिवादी के अधिवक्ता की दलील, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य, विधि के प्रावधानों को देखते हुए अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रथम सुषमा ने चार सितंबर 2000 को साधू की ओर से प्रतिवादीगण अजय कुमार व महराज दत्त के पक्ष में पंजीकृत वसीयतनामा को निरस्त करने का आदेश दिया। अदालत के आदेशानुसार वसीयतनामा निरस्तीकरण की सूचना संबंधित उपनिबंधक कार्यालय को भेजी जाएगी।

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