Gonda News: जांच न होने से बढ़ रहा सर्वाइकल कैंसर का खतरा
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गोंडा। मासिक धर्म में अनियमितता के चलते महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय कैंसर) के होने की आशंका बढ़ जाती है। समय से जानकारी न होने पर यह बीमारी कैंसर का रूप ले लेती है। पिछले तीन सालों से महिला अस्पताल में सर्वाइकल स्कीनिंग की प्रक्रिया ठप है। ऐसे में यदि किसी महिला को कैंसर की आशंका भी हो तो उसे यहां पर कोई सहूलियत नहीं मिलेगी।
महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की प्रारंभिक जानकारी देते और उचित उपचार का सुझाव दिए जाने के लिए वर्ष 2019 में सुरक्षा क्लीनिक की शुरुआत की गई। करीब एक वर्ष तक जांच हुई, उसके बाद डॉक्टरों की कमी का हवाला देते हुए स्क्रीनिंग बंद कर दी गई। वर्ष 2023 में तत्कालीन डीएम डॉ. उज्जवल कुमार की सख्ती के बाद सुरक्षा क्लीनिक फिर से शुरू करने की कवायद हुई, ओपीडी के सामने काउंटर बनाया गया। संविदा पर तैनात सर्जन डॉ. पीएन सिंह को महिला अस्पताल में संबद्ध किया गया लेकिन फिर भी स्क्रीनिंग शुरू नहीं हो सकी।
प्रारंभिक जानकारी व क्रायोथेरेपी से हो सकता सुधार
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सौम्या चौबे ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर एक विषाणुजनित बीमारी है। समय से जानकारी न होने पर यह कैंसर का रूप ले सकती है। माहवारी में अनियमितता, अत्याधिक रक्तस्राव, असमय व बदबूदार स्राव होने पर जांच करानी जरूरी होता है। यह बीमारी अब लाइलाज नहीं है। स्क्रीनिंग के दौरान इसका प्रारंभिक लक्षण पता चल जाता है, जिसपर क्रायोथेरेपी कराया जाता है। सैंपल लेकर हायर सेंटर जांच के लिए भेज दिया जाता है। 20 से 50 साल की महिलाओं में ये समस्या होने की संभावना बनी रहती है।
जल्द शुरू की जाएगी सुरक्षा क्लीनिक
सर्वाइकल कैंसर के लिए नामित डॉ. रश्मि शर्मा का स्थानांतरण हो गया है, जिससे स्क्रीनिंग प्रभावित हुई है। डॉ. एस. कुमार को नोडल बनाया गया है, जल्द ही सुरक्षा क्लीनिक शुरू की जाएगी।
– डाॅ. रक्षारानी चतुर्वेदी, सीएमएस महिला अस्पताल
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