Gonda News: ढाई साल में नहीं बन सका मेडिकल कॉलेज

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18 महीने का तय हुआ था समय, 250 करोड़ खर्च पर इस साल नहीं हो सकेगी एमबीबीएस की पढ़ाई

सीएम से लेकर डीएम तक दे चुके निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश

गोंडा। सर्किट हाउस के सामने निर्माणाधीन स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में इस सत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होने का दावा खोखला साबित हो रहा है। निर्माण कार्य की धीमी गति ने वर्तमान सत्र में एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले छात्रों के मंसूबे पर पानी फेर दिया। शासन की ओर से 18 महीने में निर्माण कार्य पूरा करने का तय समय निर्धारित किया गया था, लेकिन करीब ढ़ाई साल बीतने को हैं, मेडिकल कॉलेज अभी भी अधूरा ही है। जबकि मुख्यमंत्री से लेकर डीएम तक निर्माण कार्य में तेजी लाने का सख्त निर्देश दे चुके हैं।

जिले में 281 करोड़ रुपये की लागत से चार मई 2021 को मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू हुआ। शासन की ओर से 18 महीने यानि चार नवंबर 2022 तक निर्माण कार्य पूरा करने का तय समय था। लोकनिर्माण विभाग के निर्माण खंड को निगरानी का जिम्मा सौंपा गया। लेकिन निर्माण कार्य अभी तक अधूरा है। जबकि करीब 250 करोड़ रुपये का बजट खर्च होने की बात कही जा रही है।

निर्माण कार्य में लेट लतीफी के चलते नेशलन मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की ओर से मिलने वाला एलओपी (लेटर ऑफ परमीशन) अभी तक नहीं मिल सका है। जबकि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 21 मार्च को जिले के दौरे पर आकर निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था तथा 20 जून तक हर हाल में निर्माण कार्य पूरा कर हस्थांनारित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने भी निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश देते हुए संबंधित अधीक्षण अभियंता को कड़ी फटकार लगाई थी। लेकिन सीएम से लेकर डीएम तक की सख्ती बेअसर रही और इस साल मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई नहीं शुरू हो सकी।

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सड़क निर्माण, उर्जीकरण व ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट अधूरा

–मेडिकल कॉलेज में विभिन्न संकाय के विभागाध्यक्षों के आवास के अलावा सड़क निर्माण, बिजली, ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट आदि का निर्माण अधूरा है। वहीं बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय में बन रहा 200 बेड का अस्पताल भी अधूरा है। ऐसेे में वर्ष 2023-24 में एमबीबीएस के 100 सीटों पर पढ़ाई नहीं शुरू हो सकी।

इस सत्र में मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई नहीं शुरू हो सकती है। भवन निर्माण कार्य 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है। एलओपी के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल को आवेदन किया गया है। दिसंबर माह तक टीम की ओर से निरीक्षण किए जाने की संभावना है। -डॉ. धनंजय श्रीकांत कोटास्थाने, प्राचार्य स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय

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