Gonda News: 10वीं के छात्र की गला काटकर हत्या
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गोंडा में हरिओम। फाइल फोटो
गोंडा। छपिया थाना क्षेत्र के सैजलपुर गांव के रहने वाले 10वीं के छात्र की गला काटकर हत्या कर दी गई। हत्यारों ने हत्या को हादसे का रूप देने के इरादे से शव अमवा अशरफाबाद जंगल के पास रेल ट्रैक पर फेंक दिया। छात्र दो दिन पहले घर से साइकिल लेकर स्कूल के लिए निकलने के बाद से लापता था। परिजनों ने थाने पर गुमशुदगी की तहरीर दी मगर छपिया पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे नाराज गांववालों ने बुधवार को मनकापुर-मसकनवा मार्ग जाम कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में कोतवाल ने कार्रवाई का आश्वासन दिया तो लोग शांत हुए। तब पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
सैजलपुर निवासी मस्तराम वर्मा ने बताया कि उनका बेटा हरिओम उर्फ गोलू (15) क्षेत्र के गायत्री विद्यामंदिर मसकनवा में 10वीं कक्षा का छात्र था। सोमवार सुबह गोलू साइकिल से स्कूल गया था। इसके बाद वह शाम को पटखौली गांव के पास स्थित कोचिंग सेंटर गया। शाम साढ़े पांच बजे वह कोचिंग से निकला मगर रात तक घर नहीं पहुंचा तो परिवार के लोगों ने उसकी तलाश की। गोलू के मौसेरे भाई रामसुभावन निवासी सैजलपुर ने बताया कि रिश्तेदारों व संबंधियों के यहां गोलू की तलाश की गई। लेकिन कहीं पता नहीं चल सका।
बुधवार सुबह सूचना मिली कि अमवा अशरफाबाद जंगल के पास एक शव पड़ा है, जिसका सिर व धड़ अलग है। परिजन व रिश्तेदार तुरंत वहां पहुंचे तो गोलू का शव देख कोहराम मच गया। उसका धड़ रेलवे ट्रैक के अंदर जबकि सिर बाहर पड़ा मिला। गोलू के पिता मस्तराम ने बताया कि उनके बेटे की साइकिल और स्कूल बैग गायब है। उन्होंने बेटे के हत्या की आशंका जताई है।
मस्तराम का आरोप है कि बेटे के लापता होने के बाद उन्होंने छपिया थाने में तहरीर दी थी। मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस की लापरवाही से गुस्साए ग्रामीणों ने बुधवार को गोलू का शव को सड़क पर रखकर मनकापुर-मसकनवां मार्ग जाम कर दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। जाम की सूचना पर मनकापुर इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इंस्पेक्टर ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर ग्रामीण माने और आधे घंटे बाद जाम समाप्त हो सका। इंस्पेक्टर ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
हरिओम उर्फ गोलू का शव रेलवे ट्रैक पर मिलने के मामले में पड़ताल कर रहे छपिया इंस्पेक्टर सुरेश कुमार वर्मा का कहना है कि गोलू कोचिंग की फीस नहीं जमा कर पाया था, इसलिए टीचर ने उसे फीस जमा करने के लिए कहा था। इंस्पेक्टर ने बताया कि गोलू ने अपने पिता से फीस के पैसे मांगे तो उन्होंने उसे डांटा था कि पढ़ाई नहीं कर रहे हो सिर्फ पैसा ही मांगते हो। इंस्पेक्टर का दावा है कि इससे आहत होकर गोलू ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। जबकि गोलू के पिता मस्तराम का कहना है कि कोचिंग की फीस उन्होंने जमा कर दी थी, इसलिए डांटने का सवाल ही नहीं उठता। इंस्पेक्टर और पिता के अलग-अलग बयान से गाेलू की मौत की गुत्थी उलझ गई है। गोलू की हत्या की गई या उसने आत्महत्या की, ये पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।
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