Gonda News: घटा सरयू का जलस्तर तो कट गई जमीन, सहमे लोग
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गोंडा के दुर्गागंज माझा में बाढ़ का जायजा लेते जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी।
गोंडा। बैराजों से लगातार पानी छोड़े जाने से सरयू नदी बुधवार को खतरे के निशान को पार कर 62 सेंटीमीटर पहुंच गई थी। लेकिन बृहस्पतिवार को नदी घटने लगी। शाम तक नदी 47 सेमी घट गई और अब खतरे के निशान से सिर्फ 15 सेमी ऊपर बह रही है। इसके अलावा अभी 3.31 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज बना है।
इससे अभी जलस्तर बढ़ने का अनुमान है। नदी के घटने से कटान तेज हो गई है, जिसके भय से लोग पलायन कर रहे हैं। तरबगंज के 19 व करनैलगंज के छह पंचायतों के 112 गांव पानी से घिरे हैं। इसमें से कई गांवों के लोग सुरक्षित ठिकानों पर आ गए हैं। बृहस्पतिवार को तरबगंज तहसील प्रशासन ने ऐली परसौली में बाढ़ पीडितों को राहत सामग्री किट का वितरण किया।
वहीं, जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने नवाबगंज के दुर्गागंज माझा गांव में पहुंचकर सुविधाओं की जानकारी की। उन्होंने जलस्तर घटने की स्थिति को भी परखा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने तरबगंज व करनैलगंज तहसील के उपजिलाधिकारियों को प्रभावित गांवों और संभावित गांवों पर नजर रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने राहत और बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया है।
समस्याओं से जूझ रहे हैं बाढ़ प्रभावित
गांवों में बाढ़ की स्थिति होने और जलस्तर घटने से कटान होने से किसानों को झटका लगा है। तरबगंज तहसील के ब्योंदा माझा, बहादुरपुर, ऐली, दत्तनगर, गोकुला, साखीपुर, तुलसीपुर समेत 19 ग्राम पंचायतो मे बाढ़ का पानी तबाही मचाए है। अब इन गांवों में कटान भी शुरू हो गई है। जिससे लाेग सहमे हैं, इसके साथ ही कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
वहीं, जलस्तर घटने से करनैलगंज तहसील में तटबंधों पर कटान का खतरा बढ़ गया है। वहीं, चंदापुर किटौली, बांसगांव, नैपुरा, परसावल, नकहरा, बेहटा और पारा में बाढ़ का पानी भरा है। इससे लोग तटबंध पर आ गए हैं। इसके अलावा तटबंध में कटान की निगरानी बढ़ा दी गई है। बांध पर मौजूद अवर अभियंता रवि वर्मा ने बताया कि जलस्तर घटने के बाद की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
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