Gonda News: बाढ़ के हालात बिगड़े, तटवर्ती गांवों से पलायन शुरू

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तरबगंज/गोंडा। नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश के चलते मंगलवार को बैराजों से 4.41 लाख क्यूसेक पानी एकसाथ सरयू नदी में छोड़ा गया है। जो बृहस्पतिवार सुबह एल्गिन ब्रिज तक पहुंचेगा। सरयू नदी खतरे के निशान से एक फीट ऊपर पहले से चल रही है। ऐसे में बुधवार तक कई इलाकों के बाढ़ की चपेट में आने का पूरा अंदेशा है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने चौकसी दिखाते हुए सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने के निर्देश जारी किए हैं।

सरयू के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मंगलवार दोपहर एसडीएम भरत भार्गव, तहसीलदार डॉ. पुष्कर मिश्र सहित सभी नायब तहसीलदार ने तटवर्ती क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पलायन के निर्देश दिए। तहसील क्षेत्र के दुर्गागंज, तुलसीपुर, माझा राठ, जैतपुर, दत्तनगर, साखीपुर बहादुरपुर, बनगांव, ब्योंदा माझा, ब्योंदा उपरहर, परास पुरवार, मझवार, गढ़ी, एली-परसौली गांवों के लोगों को प्रशासन ने सचेत किया है। बाढ़ का पानी इन गांवों के किनारे सोमवार को ही लग चुका था। बैराजों से लगातार पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

12 बाढ़ चौकियां सक्रिय

तहसीलदार डाॅ. पुष्कर मिश्र ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों की मदद के लिए 12 बाढ़ चौकियां सतर्क की गईं हैं। जहां से लोगों के खानपान, इलाज, पशुओं के चारे की व्यवस्था की जाएगी। राहत सामग्री की उपलब्धता के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। लोगों के सुरक्षित स्थान पर पलायन के लिए तीन नाव ऐली में उपलब्ध कराई गईं हैं। अन्य क्षेत्रों के लोगों के लिए भी नाव उपलब्ध कराई जा रही है।

तटवर्ती क्षेत्रों में आज शाम तक दिखेगा असर

एसडीएम भरत भार्गव ने बताया कि करीब साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी अब तक डिस्चार्च किया जा चुका है। सोमवार को 3.58 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे तटवर्ती गांवों के किनारे पानी लग गया था। मंगलवार को फिर से पानी छोड़ा गया है, जिसका असर बुधवार शाम तक दिखाई देगा। बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए अन्य राहत कार्य की तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं।

प्रभावित गांवों से पलायन शुरू

करनैलगंज (गोंडा)। सरयू नदी मंगलवार को खतरे के निशान 106.07 के सापेक्ष 106.376 पर चल रही थी। ये खतरे के निशान से एक फीट ऊपर है। मंगलवार के डिस्चार्ज को लेकर बाढ़ खंड के अधिकारी सकते में आ गए हैं। बुधवार रात से नदी के रौद्र रूप में आने की आशंका है। हालांकि अभी तक एल्गिन-चरसड़ी बांध को कोई खतरा नहीं है। मगर माझा रायपुर गांव में ग्रामीणों का पलायन बांध की ओर शुरू हो गया है। एल्गिन-चरसड़ी बांध के किनारे बसे इस गांव की स्थिति यह है कि जब भी सरयू खतरे के निशान से ऊपर जाती है तो इस गांव में पूरी तरह से जलभराव हो जाता है। जिससे करीब 100 से अधिक घरों में पानी घुस जाता है और अधिकांश घर पानी में डूब जाते हैं। ऐसी स्थिति में ग्रामीण अपना आशियाना बांध पर बनाते हैं या फिर सुरक्षित स्थानों पर चले जाते हैं। मंगलवार को इस गांव की अधिकांश आबादी बांध पर आ गई और लोग अपना आशियाना बांध पर बना रहे हैं। बांध पर मौजूद अवर अभियंता रवि वर्मा ने बताया कि 4.41 लाख क्यूसेक से ऊपर पानी मंगलवार को छोड़ा गया है जो बुधवार मध्य रात्रि से पहुंचना शुरू होगा।

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