Gonda News: सरयू ने बनाई नई धारा, जलस्तर घटने से कटान तेज

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 करनैलगंज के बांसगांव में ड्रोन से ली गई घाघरा नदी की तस्वीर। – संवाद

गोंडा। सरयू में बाढ़ की स्थिति भले ही न हो मगर नदी लगातार गांवों की ओर बढ़ रही है। करनैलगंज में तटबंध होने से गांव सुरक्षित हैं। पहाड़ी नालों और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से सरयू में उफान आ रहा है। सोमवार को भी बैराजों से 2.43 लाख क्यूसेक पानी सरयू में छोड़ा गया है।

एल्गिन-चरसड़ी तटबंध के किनारे बसे बांसगांव के पास सरयू ने जमीन को काटकर एक नई धारा बना ली है। इसका खुलासा ड्रोन से ली गई नदी की फोटो से हुआ है। नई धारा तटबंध से टकरा रही है। वहीं, बांसगांव के साथ ही रायपुर माझा और चंदापुर किटौली में भी नदी कटान कर रही है। इन तीनाें गांवों की 800 बीघा कृषि भूमि को नदी ने काटा है। जिससे किसानों को नुकसान के साथ ही तटबंध पर भी खतरा बढ़ गया है। नई धारा के तटबंध के करीब से बहने की स्थिति को देखते हुए बाढ़ कार्यखंड ने सतर्कता बढ़ा दी है। पत्थरों से तटबंध को मजबूत किया जा रहा है।

नदी में बाहरी पानी आने से तरबगंज के कई गांवों में जलभराव की समस्या है। गांवों में लगातार पानी फैल रहा है। इससे ब्यौंदा माझा, परास मझवार, दुर्गागंज, तुलसीपुर माझा, जैतपुर माझा समेत कई गांवों में पानी पहुंचने लगा है। तहसील प्रशासन ने इन गांवों की निगरानी के लिए राजस्व कर्मियों को निर्देश दिया है। एसडीएम भारत ने राजस्वकर्मियों को निरंतर नजर रखने और रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

करनैलगंज में सरयू ने बांध के किनारे खाली पड़ी करीब 800 बीघे कृषि योग्य जमीन को काटकर अपनी धारा में ले लिया है।

सोमवार को नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। अब नदी खतरे के निशान से एक मीटर नीचे पहुंच गई है जो रविवार को 69 सेंटीमीटर थी। इस तरह जलस्तर 31 सेंटीमीटर घटा है। मगर पहाड़ी नालाें और बैराजों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। सोमवार को भी 2.43 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसका असर दो दिन बाद देखने को मिलेगा। नदी के पानी का फैलाव अभी उन गांवों में हो रहा है, जहां तटबंध नहीं है। जलस्तर घटने से नदी की चाल तीखी हो गई है। विशेषता यह है कि जलस्तर घटते समय नदी की धारा तेज हो जाती है और कटान करती है।

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