Gonda News: डॉक्टरों पर विश्वास नहीं, न्यायिक जांच पर अड़े परिजन
[ad_1]
गोंडा। जिला महिला अस्पताल में सिजेरियन प्रसव के बाद प्रसूता नंदिनी गिरी की मौत का मामला गरमाता जा रहा है। डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी पर लगे लापरवाही के आरोप के बाद सीएमएस डॉ. शालू महेश ने जांच के लिए तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम गठित की है।
बाल रोग विशेेषज्ञ डॉ. रामलखन, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुवर्णा कुमार व डॉ. अमित त्रिपाठी ने जांच शुरू करते हुए गुरुवार को आरोपी डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों का बयान दर्ज किया। वहीं, प्रसूता के परिजन डॉक्टरों की जांच पर भरोसा न करके न्यायिक जांच कराने की मांग पर अड़ गए हैं। परिजनों का कहना है कि जब आरोपी के सहकर्मी डॉक्टर ही मामले की जांच करेंगे तो उन्हें न्याय कैसे मिल सकेगा।
दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद के विभाग संयोजक शारदाकांत पांडेय ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्रसूता की मौत के मामले से अवगत कराया। उन्होंने निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। विहिप के विभाग मंत्री भरत गिरि, आशीष मोदनवाल, दिवाकर सोमानी, सोनू सोनकर, सुनील निषाद, प्रकाश कुमार व संदीप यादव ने निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है
परिजनों की मांग पर वीडियो रिकार्डिंग के साथ प्रसूता का पोस्टमार्टम कराया गया। डॉ. आफताब आलम व डॉ. अजय कुमार ने पोस्टमार्टम किया। संदिग्ध होने पर विसरा व खून का सैंपल फोरेंसिक जांच के लिए लखनऊ स्थित प्रयोगशाला भेजा गया है।
जिला महिला अस्पताल की चिकित्सक डॉ. सुषमा त्रिवेदी ने बताया कि नंदिनी की संभावित प्रसव तिथि से 18 दिन बाद सिजेरियन हुआ है। जिसकी जानकारी परिजनों को दे दी गई थी। ऑपरेशन के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ थी। अधिक तापमान होने के कारण हाइपर पारेक्सिया की समस्या से उसकी हालत बिगड़ी थी। इसी समस्या के कारण गुरुवार सुबह तीन लोगों को रेफर किया गया है।
प्रसूता नंदिनी की मौत के बावजूद जिला महिला अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही कम नहीं हो रही है। गुरुवार को भी कई तीमारदारों ने स्टाफ नर्स पर मनमानी का आरोप लगाया। वहीं, ओपीडी के सामने बड़ी संख्या में महिलाएं जमीन पर बैठी दिखाई पड़ीं।
[ad_2]
Source link