Gonda News: खेल से जेनेरिक दवाओं की योजना फेल

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संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा

Updated Mon, 05 Jun 2023 11:45 PM IST

गोंडा के आंबेडकर चौराहा स्थित जन औषधि केंद्र पर दवाएं देता संचालक। -संवाद

गोंडा। मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी ने सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों पर्चे पर केवल जेनेरिक दवाएं ही लिखने का सख्त निर्देश दिया है। मगर जिले में कमीशन के खेल में जेनेरिक दवाओं की योजना फेल हो गई हैं। एमआर से मिलीभगत कर डॉक्टर ब्रांडेड दवाएं लिखने से बाज नहीं आते। जिससे जन औषधि केंद्रों पर चंद लोग ही दवाएं लेने पहुंचते हैं।

प्रधानमंत्री ने गरीबों को बाजार भाव से लगभग पांच गुना कम रेट पर जीवनरक्षक दवाएं उपलब्ध कराने के पीएम जन औषधि केंद्र की योजना को देशभर में शुरू कराई थी। इन दवा दुकानों पर सरकार की ओर से बाजार भाव से करीब पांच से छह गुना कम रेट पर 600 तरह की जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। ताकि आम लोगों को महंगी दवाओं के बोझ तले दबना न पड़े। दवाओं के कमीशन के फेर में सरकारी व निजी डॉक्टर जेनेरिक दवाएं ही नहीं लिखते हैं। इससे पीएम जन औषधि केंद्र की योजना परवान नहीं चढ़ रही है।

जन औषधि केंद्रों का संचालन शुरू होने के बाद भी निजी व सरकारी सेवा में कार्यरत डॉक्टर कमीशनखोरी के चलते जेनेरिक के बजाय ब्रांडेड दवाएं ही लिख रहे हैं। इससे जन औषधि केंद्रों का खर्च तक नहीं निकल पा रहा। कई जन औषधि केंद्र अब बंद होने की कगार पर पहुंचने लगे हैं। आंबेडकर चौराहा स्थित जन औषधि केंद्र के संचालक करन चौबे ने बताया कि डॉक्टर जेनेरिक दवाएं नहीं लिख रहे हैं और यदि कोई मरीज ये दवाएं खरीदता भी है तो उसे वापस कराकर अधिक कमीशन वाली ब्रांडेड दवाएं खरीदने को कहते हैं। इसके चलते गरीब मरीजों को सस्ती दर पर दवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. एचडी अग्रवाल ने बताया कि सभी सरकारी चिकित्सालयों के डॉक्टरों के लिए निर्देश जारी किया गया है कि वह बाहर की दवाएं न लिखें। यदि बहुत जरूरी हो तो बाहर से जेनेरिक दवाएं ही लिखें।

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