Gonda News: गोंडा में 335 करोड़ जमा होने का अनुमान
[ad_1]
गोंडा। केंद्र सरकार ने दो हजार रुपये के नोट बंद करके एक बार फिर हलचल तेज कर दी है। जिले में दो हजार के नोट के 335 करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है। कारण बीते एक साल से दो हजार के नोट बाजार से गायब रहे हैं। ऐसा तब है जब बैंकों से दो हजार के नोट दिए गए हैं। इससे आकलन किया जा रहा है कि दो हजार के नोट कुछ लोगों के पास डंप हैं। बैंकों की ओर से पहले भी तैयारी की गई है, अब एलडीएम ने सोमवार तक सभी बैंकों से रिपोर्ट मांगी है।
जिले में 15 हजार के करीब ऐसे लोग हैं जिनके पास दो हजार के नोट के दस लाख से लेकर दो लाख तक होने का अनुमान जताया जा रहा है। एक औसत के आधार पर अनुमान है कि इन बड़े स्तर के लोगों के पास दो लाख रुपये ही हों और वह बैंकों में जमा करें तो भी कम से कम 300 करोड़ रुपये होंगे। इसके अलावा अन्य के स्तर से भी 30 से 35 करोड़ तक दो हजार रुपये के नोट जमा करने का अनुमान है।
माना जा रहा है मंगलवार से शुरू हो रहे नोट जमा करने या बदलने के पहले दिन से ही लोग प्रक्रिया शुरू करेंगे। 30 सितंबर तक 10 से 15 हजार लोगों के कई बार में नोट जमा करने और एक लाख लोगों काे एक बार नोट जमा करने का अनुमान वित्तीय जानकार लगा रहे हैं। बैंकों के विधिक अधिवक्ता विवेक मणि श्रीवास्तव की मानें तो इस फैसले से बैंकों में एक से डेढ़ लाख लोग रुपये जमा कर सकते हैं। जिससे बैंकों को लाभ ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि दो हजार के नोट बंद होने का निर्णय सबके हित में हैं। वहीं, एलडीएम अभिषेक रघुवंशी ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट मांगी है।
गोंडा। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से दो हजार के नोट बंद किए जाने से कइयों की धड़कनें बढ़ गईं हैं। शनिवार को तो कोई विशेष हलचल नहीं दिखी मगर मंगलवार से दो हजार के नोट जमा करने या बदलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। आरबीआई के फैसले से सामान्य लोगों को तो कई फर्क नहीं पड़ा। अलबत्ता वह लोग गदगद हैं कि बड़े लोगों का एक बार फिर पसीना निकलना तय है।
जिले में शहर के साथ ही एक दर्जन कस्बेे ऐसे हैं, जहां कुछ लोगों के पास दो हजार के नोट होने का अनुमान है। वह लोग बड़े नोट बंद होने से सकते में दिखे। धानेपुर के एक ठेकेदार ने कहा- दो हजार के नोट से सहूलियत है। ऐसे में इसे बंद कर देना उचित नहीं है। एक हजार के नोट तो चलाने ही चाहिए। काम के चलते बड़े नोट साथ रखने में आसानी होती है। वहीं, परसपुर के सचिन मिश्र कहते हैं कि दो हजार के नोट का चलन ही गलत था। इससे घूसखोरी को बढ़ावा मिला है। वहीं, बैंकों को उम्मीद है इस फैसले से इस वित्तीय वर्ष में जमा धन से लाभ होगा। फिलहाल दो हजार के नोटबंदी से एक बार फिर चर्चाएं जोर पकड़ रहीं हैं।
जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक अभिषेक रघुवंशी का कहना है कि जिले की बैंक शाखाओं से रिपोर्ट मांगी गई है कि कितने नोट दो हजार के जमा हो सकते हैं। बैंक शाखाओं की तैयारी क्या है और उनकी जरूरत क्या है। इसके बारे में खाका तैयार किया जाएगा। जिले में दो हजार के नोट बदलने में कोई दिक्कत न आए, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
बैंकिंग के विधिक सलाहकार विवेक मणि श्रीवास्तव का कहना है कि दो हजार के नोट बंद किए जाने का फैसला उचित है। लोगों को परेशान नहीं होना चाहिए। जिले में चार सौ करोड़ तक के नोट जमा होने का अनुमान है। इसकी तैयारी पूरी है, कोई दिक्कत होगी तो बैंकों से प्रस्ताव भेजा जाएगा। समस्या दूर कराई जाएगी।
जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी अरुण सिंह का कहना है कि जिले में मिश्रित कार्य हो रहे हैं। बैंकों की ओर से प्रबंधन किया गया है। दो हजार के नोट बंद होने पर बदलने का पूरा अवसर दिया गया है। किसी को कोई दिक्कत होगी और संज्ञान में आएगा तो पत्राचार किया जाएगा।
[ad_2]
Source link