Gonda News: करीबियों को निकाय चुनाव लड़ाना चाहता था पीएफआई

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गोंडा। निकाय चुनाव के उम्मीदवारों में पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े लोगों की तलाश में एटीएस ने देवीपाटन मंडल के बलरामपुर व बहराइच जिले में छापा मारकर तीन लोगों को उठाया है। इनमें दो बहराइच व एक बलरामपुर का है। पूछताछ के बाद बलरामपुर के युवक एटीएस ने छोड़ दिया। जबकि बहराइच के दो युवकों को संग ले गई है। आठ माह पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीम ने भी छापा मारकर आठ लोगों को उठाया था। जिनसे पूछताछ में पता चला था कि पीएफआई निकाय चुनाव में हिस्सेदारी का मंसूबा संजोए है। पीएफआई ने अपने सहयोगी संगठन एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) से अपने करीबी लोगों को निकाय चुनाव में उतारने की तैयारी की थी। एटीएस के छापे को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

जिले के खोड़ारे थाना क्षेत्र के औसानी बुजुर्ग, कटराबाजार व करनैलगंज के बालूगंज, बालकरामपुरवा, कसगरान मोहल्ले में 16 सितंबर 2022 को आईबी ने छापा मारकर छह लोगों को उठाया था। करनैलगंज के चार लोगों को पूछताछ के बाद शांतिभंग की आशंका में चालान कर दिया गया था। जबकि खोड़ारे से पकड़े गए दो लोगों को छोड़ दिया गया था। बहराइच के जरवल से एक व बलरामपुर के उतरौला से एक युवक को उठाया गया था। युवकों से पूछताछ में आईबी को पता चला कि जरवल के चार युवकों ने दिल्ली के शाहीनबाग में ठिकाना बना रखा है।

आईबी के इनपुट पर 26 सितंबर 2022 को पुलिस और आईबी की संयुक्त टीम ने पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े खोड़ारे थाना क्षेत्र के औसानी बुजुर्ग गांव निवासी अब्दुल्ला की तलाश में गांव में छापा मारा था। यहां से अब्दुल्ला के साथ ही गांव के ही निजी चिकित्सक को पुलिस उठा ले गई थी। मगर पुलिस टीम को जिस अब्दुल्ला की तलाश थी, वह नहीं मिला। पुलिस टीम ने उसके नाम के ही 70 वर्षीय दूसरे अब्दुल्ला को उठा लिया था। पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया गया था। आईबी को अब्दुल्ला के एंड्रायड फोन की तलाश थी। जिसमें आतंकी फंडिंग से संबंधित राज छिपे थे। मगर नौ माह बाद भी अब्दुल्ला नहीं मिला।

वर्ष 2013 में केरल प्रांत में पीएफआई के अस्तित्व में आने के बाद से देवीपाटन परिक्षेत्र के मुस्लिम बहुल इलाकों में सक्रियता बढ़ गई थी। बलरामपुर का उतरौला व गैसड़ी और बहराइच के सदर, जरवल, मटेरा व नानपारा मुस्लिम बहुल होने के कारण यहां पीएफआई के कार्यकर्ता अधिक सक्रिय थे। देवीपाटन परिक्षेत्र के बहराइच व बलरामपुर में नेपाल सीमा से जुड़े इलाकों में पिछले छह साल में पीएफआई तेजी से सक्रिय हुई है।

एसपी आकाश तोमर ने बताया कि खुफिया एजेंसियों के इनपुट पर तत्परता बरतते हुए संदिग्ध गतिविधियों की पल-पल की निगरानी की जा रही है। जांच एजेंसियों को पहले भी सहयोग किया गया था। किसी भी आशंका से निपटने के लिए गोंडा पुलिस सक्षम है।

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