लखनऊ में हुआ नाटक ‘सन् 2025’ का मंचन: रोमांच से भरे नाटक ने दर्शकों का किया भरपूर मनोरंजन, लोगों ने अभिनय को सराहा
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लखनऊ की संगीत नाट्य एकेडमी में बुधवार को नाटक ‘सन् 2025’ का मंचन हुआ। आजाद थिएटर एंड वेलफेयर सोसायटी की इस प्रस्तुति ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। इस मशहूर नाटक में लेखन पीयूष मिश्रा का रहा। वहीं निर्देशन मो. फुजैल ने किया। नाटक की प्रस्तुति आजाद थिएटर एंड वेलफेयर सोसायटी के दो दिवसीय नाट्य समारोह के दूसरे दिन हुई। पहले दिन नाटक ‘आदमी’ का मंचन हुआ था।
रोमांच से भरा ये नाटक दो किरदारों के इर्द गिर्द घूमता है। पहला किरदार है मशहूर लेखक ब्रह्मात्मे का, तो दूसरा किरदार है जासूस गड़गड़ सूफी का। ब्रह्मात्मे एक अलग किस्म का लेखक है। उसने कई नॉवेल लिखे। जो की काफी हिट रहे। एक दिन ब्रह्मात्मे एक होटल के कमरे में ठहरा होता है, तभी उससे गड़गड़ सूफी मिलने आता है।
सूफी ब्रह्मात्मे से कहता है कि वो उसका बहुत बड़ा फैन है। पहले तो लेखक उसे ज्यादा तवज्जो नहीं देता। लेकिन धीरे–धीरे सूफी की बातों से वो आकर्षित होने लगता है। फिर सूफी ब्रह्मात्मे के लिखे हुए सभी क्राइम नॉवेल के बारे में बात करने लगता है। जो की असल घटनाओं पर आधारित थे। धीरे–धीरे सूफी ये इशारा करने लगता है कि इन सभी नॉवेल के क्राइम में असल समय पर ब्रह्मात्मे भी मौजूद था। पहले तो लेखक इसे खारिज करता है।
लखनऊ में नाटक सन् 2025 का मंचन करते कलाकार।
फिर बाद में वो जासूस के आरोपों को स्वीकार कर लेता है। इसके बाद जासूस सूफी लेखक से कुछ शर्ते रखता है। वो कहता है अगर उसकी शर्तें पूरी नहीं हुईं तो वो उसका राज दुनिया को बता देगा। लेकिन चालाक लेखक उस जासूस को बंदूक की नोक पर खिड़की से कूदने पर मजबूर कर देता है।
सच और झूठ के तिलिस्म से बुने इस नाटक ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। नाटक में नवनीत पांडेय, आशीष कुमार, प्रियांशी मौर्य, सुयश गुप्ता, प्रशांत वर्मा और सूरज कुमार ने अपनी एक्टिंग से खूब तालियां बटोरीं।
(यह संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड समाचार एजेंसी फीड से प्रकाशित हुई है)
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