‘जमीन को भूल जाओ…’, जब साबरमती जेल से फोन कर अतीक अहमद ने युवा वकील को धमकाया
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प्रयागराज. माफिया अतीक अहमद के 44 साल के आतंक का अंत हो चुका है. अब भी माफिया अतीक अहमद के सताए लोग सामने आ रहे हैं और अतीक अहमद के आतंक की दास्तां को बयां कर रहे हैं. ऐसे ही एक पीड़ित युवा अधिवक्ता विकास बक्शी भी सामने आए हैं, जिन्हें अतीक अहमद ने साबरमती जेल में रहते हुए 28 मई 2022 को फोन पर धमकाया था. हालांकि, उस वक्त विकास बक्शी इतना डर गए थे कि उन्होंने इस मामले की पुलिस में शिकायत तक नहीं की थी. माफिया अतीक अहमद की हत्या के बाद, अब जहां तमाम पीड़ित सामने आ रहे हैं. विकास बख्शी ने भी इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है. पुलिस ने जल्द ही मामले में एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई की बात भी कही है.
दरअसल, अतीक अहमद के गुर्गों से विकास बख्शी के पिता ने कालिंदीपुरम में 1500 वर्ग गज जमीन खरीदी थी. इस जमीन पर बाद में पीडीए ने दावा ठोंक दिया और इस पर हुए निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. बुलडोजर एक्शन के बाद जब विकास बक्शी ने कौशल किशोर मिश्रा से अपने रुपए वापस मांगे, तब उन्होंने अतीक अहमद से फोन पर बात कराकर धमकवाया था. विकास बक्शी के मुताबिक, अतीक अहमद ने उस वक्त उनसे कहा था कि उस जमीन को भूल जाओ नहीं तो तुम्हारे आगे पीछे कोई नहीं है. तुम भी जान से हाथ धो बैठोगे.
अतीक अहमद की हत्या के बाद, अब विकास बक्शी अतीक अहमद के गुर्गों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए धूमनगंज थाने की राजरूपुर चौकी पहुंचे हैं. उन्होंने अतीक अहमद के गुर्गे कौशल किशोर मिश्रा, श्यामा देवी मिश्रा, फरमूद आलम और अन्य लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी है और एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है.
अकाउंट में 11 लाख 50 हजार भेजे
पीड़ित विकास बख्शी के मुताबिक, उनके पिता दिनेश्वर प्रसाद ने करछना में लेखपाल कौशल किशोर मिश्रा सेकालिंदीपुरम में 1500 वर्ग गज जमीन खरीदने का सौदा किया था. जिसके लिए 5 दिसंबर 2016 को उनके पिता दिनेश्वर प्रसाद व श्यामा देवी मिश्रा के बीच इकरारनामा हुआ था और चेक के जरिए 50 हजार का बयाना भी दिया था. जिसके बाद विभिन्न चेकों के माध्यम से कौशल किशोर मिश्रा की मां श्यामा देवी मिश्रा के अकाउंट में 11 लाख 50 हजार भेजे गए.
बख्शी के पिता की मौत हो गई
दरअसल, रजिस्ट्री 21 अगस्त 2017 को फरमूद आलम नाम के व्यक्ति द्वारा कौशल किशोर मिश्रा ने कराई थी. इस बीच विकास बख्शी के पिता विनेश्वर प्रसाद की मौत हो गई. इस जमीन पर जब विकास बक्शी ने निर्माण शुरू किया और एक कमरा भी बना लिया, तब पीडीए ने 10 अप्रैल 2022 को इनको अपनी जमीन बताकर बुलडोजर चला दिया.
अतीक अहमद के गुर्गों से अपने रुपए वापस करने की मांग की
इसी घटना के बाद जब विकास बक्शी ने अतीक अहमद के गुर्गों कौशल किशोर मिश्रा, उनकी मां श्यामा देवी मिश्रा और प्रमोद आलम से अपने रुपये वापस करने की मांग की, तब तीनों ने सूबेदारगंज स्टेशन के पास बुलाकर न केवल धमकाया, बल्कि साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद से भी फोन पर बात कराई और धमकी दिलाई कि वह जमीन से पीछे हट जाए. इस घटना के बाद विकास बक्शी इतना डर गए थे कि उनकी हिम्मत थाने जाने की नहीं हुई.
(यह संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड समाचार एजेंसी फीड से प्रकाशित हुई है)
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