Information Technology: भारत बनेगा दुनिया में सिरमौर, मोदी सरकार ने तैयार किया सॉलिड प्लान, जानें सबकुछ

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हाइलाइट्स

दूरसंचार विभाग के माध्यम से होगा क्रियान्वित
देशभर में 100 से ज्यादा नई लैब की स्थापित होगी
युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की तैयारी की जा रही है

जयपुर. सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) के क्षेत्र में भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने मजबूत पहल शुरू की है. केन्द्र सरकार की ओर से दूरसंचार विभाग के माध्यम से अब स्कूल और कॉलेज शिक्षा के पाठ्यक्रमों में से ही सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े अविष्कारिक और नई खोज करने वाली प्रतिभाओं के प्रोत्साहन की तैयारी की जा रही है. केन्द्र सरकार की ओर से देश और दुनिया को सूचना प्रौद्योगिकी की 5जी और 6जी तकनीकी में नई खोज करने के लिए देशभर में 100 से ज्यादा नई लैब की स्थापना की जा रही है.

दूरसंचार विभाग के माध्यम से सभी राज्यों की बड़ी शैक्षणिक एवं योग्य संस्थाओं में ये नई लैब तैयार की जाएंगी. प्रतिभावान छात्रों को सूचना प्रौद्योगिकी के अविष्कारों के लिए तैयार करने के लिए केन्द्र सरकार भी ऐसे पाठ्यक्रम पढ़ाने वाली संस्थाओं की आर्थिक मदद कर रही है. केन्द्र सरकार की ओर से बड़ी बड़ी मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रभावशाली शिक्षा प्रदान करने वाली संस्थाओं को 80 फीसदी सब्सिडी के साथ लैब स्थापना करने के लिए सहयोग किया जा रहा है.

सभी प्रकार के उपकरण भारत में ही तैयार हो सकेंगे
राजस्थान समेत देश के दूसरे राज्यों में टेलीकॉम डिपार्टमेंट की ओर से 5जी लैब तैयार करने के लिए विभाग की ओर से लैब बनाने और उसके संचालन पर सब्सिडी दी जाएगी. क्षेत्रीय केन्द्रीय दूरसंचार विभाग के एडिशनल डायरेक्टर सिद्धार्थ पोखरना ने बताया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि 5जी की सभी प्रकार की अत्याधुनिक तकनीक का विकास और सभी प्रकार के उपकरण भारत में ही तैयार हो सके हैं. विकसित देश भी भारतीय प्रतिभाओं की ओर से तैयार की गई तकनीकी और उपकरणों के इस्तेमाल करें.

500 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय किया गया है
इसके लिए केन्द्र सरकार ने 5जी सर्विस से संबंधित स्टार्टअप शुरू करने के लिए सालाना 500 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय किया है. इसी दिशा में देशभर में 100 5जी टेस्ट लैब स्थापित की जाएगी. ये प्राइवेट और सरकारी शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से इंजीनियरिंग, आईआईटी, एमएनआईटी कॉलेजों में तैयार की जाएगी. केन्द्र सरकार की इस योजना में 15 नए कोर्स जोड़ने की तैयारी है. केन्द्र सरकार युवा प्रतिभाओं से शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा, खनन, पर्यटन, खेल, सुरक्षा, ई-गवर्नेंस, स्मार्ट सिटी, आपदा प्रबंधन के साथ साथ आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में तकनीकी तथा उपकरणों के मामले में नए आयाम स्थापित करना चाहती है.

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