क्रिकेट की जान कहलाए जाने वाले इन 6 भारतीय क्रिकेटर्स ने नहीं पूरी की अपनी पढ़ाई
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देश को सैकड़ों बार गर्व महसूस कराने वाले क्रिकेट सितारे जो खेल के लिए अपनी पढ़ाई पूरी करने का समय नहीं निकाल सके, उनमें सचिन तेंदुलकर, हार्दिक पंड्या, जहीर खान, राहुल द्रविड़, कपिल देव और एमएस धोनी का नाम है.
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सचिन तेंदुलकर 12वीं तक पढ़े. हार्दिक पंड्या ने 9वीं में फेल होने के बाद स्कूल ड्रॉप कर दिया. जहीर खान इंजीनियरिंग कॉलेज ड्रॉपआउट हैं. राहुल द्रविड़ ने एमबीए को होल्ड पर रख दिया था. कपिल देव भी कॉलेज ड्रॉपआउट हैं. एमएस धोनी ग्रेजुएश पूरी नहीं कर पाए थे. ये सभी वो लोग हैं जिन्होंने अपने मन के काम को करने के लिए जी तोड़ मेहनत की और कामयाब हुए. हालांकि पढ़ाई के लिए वक्त नहीं निकाल पाए लेकिन देश को गौरवान्वित किया.
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कपिल देव (कॉलेज ड्रॉपआउट)- 1983 में विश्व कप ट्रॉफी घर लाने वाले पहले भारतीय कप्तान कपिल देव ने भी एथलीट लाइफ में पूरी तरह जाने के लिए कॉलेज ड्रॉप करने का फैसला किया था. उनकी उपलब्धियों के आधार पर, कह सकते हैं कि उनका फैसला सही था. (AFP)
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सचिन तेंदुलकर (12वीं तक पढ़े)- क्रिकेट के भगवान, सचिन तेंदुलकर कथित तौर पर अपनी एचएससी परीक्षा में बार असफल हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि बाद में वे पास हुए और उन्होंने सिर्फ 12वीं तक पढ़ाई मुंबई में शारदाश्रम विद्यामंदिर स्कूल से की. इसके बाद 16 साल की उम्र से उन्होंने देश के लिए खेलना शुरू कर दिया. उन्होंने जितनी मेहनत से अपनी प्रतिभा को निखारा वो हम सब के सामने है, उन्होंने बहुतों बार देश को गर्व महसूस कराने का मौका दिया.
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जहीर खान (इंजीनियरिंग कॉलेज ड्रॉपआउट)- जहीर खान ने एचएससी परीक्षा 83% के साथ पास की. प्रवरा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एक सीट भी हासिल की. जब उन्हें मुंबई की U-19 टीम में खेलने के लिए चुना गया, तो उनके पिता ने उन्हें कॉलेज की बजाय और अपने खेल पर फोकस करने की इजाजत दे दी थी. इसके बाद वे खेल से ही पूरी तरह जुड़े रहे, कॉलेज ड्रॉप कर दिया.
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राहुल द्रविड़ (एमबीए होल्ड पर रखा)- मैदान और क्लास दोनों ही जगह राहुल द्रविड़ समान रूप से प्रतिभाशाली थे. स्कूल में पास होने के बाद, द्रविड़ ने सेंट जोसेफ कॉलेज से कॉमर्स से ग्रेजुएशन पूरी की. इसके बाद MBA करना चुना. MBA के दौरान ही उन्हें टीम इंडिया से कॉल आया, तो उन्होंने खेल को चुना.
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एमएस धोनी (ग्रेजुएशन नहीं कर सके)- धोनी ने स्कूलिंग DAV जवाहर विद्या मंदिर स्कूल से की. 10वीं में उन्होंने 66% और 12वीं में 56% नंबर पाए. 1999 में Gossener College में स्पोर्ट्स कोटा से BCom में दाखिला लिया, लेकिन बिजी शेड्यूल के कारण कोर्स में रेगुलर रहकर पढ़ाई नहीं कर सके. इसलिए कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं मिली थी. अगस्त 2011 में, उन्हें डी मोंटफोर्ट विश्वविद्यालय (UK की यूनिवर्सिटी) द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया.
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हार्दिक पंड्या (9वीं में फेल)- वर्तमान में भारत के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या साधारण परिवार से थे. वह कक्षा 9 की परीक्षा में पास नहीं हो पाए थे. तब स्कूल की फीस भरना उनके लिए मुश्किल भरे कामों में से एक था. फेल होने के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और क्रिकेट पर फोकस किया. वे junior-level क्रिकेट में भी बहुत अच्छा खेले.
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